ब्यूरोक्रेट्स के फॉर्मूले पर चुनावी मोर्चा संभालेंगे सियासतदान

  • मध्यप्रदेश में पूर्व नौकरशाह बना रहे भाजपा-कांग्रेस की रणनीति

भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र तैयार करने में भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख पार्टियां पूर्व आइएएस अधिकारियों का सहयोग ले रही हैं। दोनों ही दलों ने घोषणा पत्र समिति में ऐसे अधिकारियों को शामिल किया है। भाजपा की घोषणा पत्र समिति में सेवानिवृत आइएएस अधिकारी कवींद्र कियावत और एसएनएस चौहान को सदस्य बनाया गया है। जबकि, कांग्रेस का घोषणा पत्र बनवाने में सेवानिवृत आइएएस अधिकारी वीके बाथम और अजीता वाजपेयी पांडे भूमिका निभा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र (वचन पत्र) लगभग तैयार कर लिया है। इसे बनाने में प्रमुख सचिव पद से सेवानिवृत्त अधिकारी वीके बाथम की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। उन्होंने विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ विचार-विमर्श कर विषय चिह्नित किए और उन पर समिति ने निर्णय भी लिया है। वर्ष 2018 के चुनाव में भी बाथम ने कांग्रेस का सहयोग किया था। सामाजिक सुरक्षा पेंशन तीन सौ रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये करने का सुझाव उन्होंने ही दिया था। हालांकि, यह सरकार बनने पर पूरी तरह लागू नहीं हो पाया।

कमल नाथ सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन तीन सौ रुपये बढ़ाई थी और अगले चरण में चार सौ रुपये की वृद्धि प्रस्तावित थी, लेकिन अल्पमत में आने के कारण सरकार गिर गई। वहीं, अजीता वाजपेयी पांडे ने अपर मुख्य सचिव रहते हुए योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकीय विभाग में काम किया है। उन्होंने विभिन्न योजनाओं पर काम करके रिपोर्ट दी है। अब यही भूमिका भाजपा के लिए कवींद्र कियावत और एसएनएस चौहान निभाएंगे। कियावत भोपाल कमिश्नर रह चुके हैं, जबकि चौहान पन्ना कलेक्टर थे। दोनों को मैदानी स्तर पर काम करने का लंबा अनुभव है। संगठन घोषणा पत्र तैयार करने के लिए इन्हें विभिन्न क्षेत्रों से फीडबैक लेने और उनकी अपेक्षाओं पर सुझाव देंगे। सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों ने सेवानिवृत अधिकारियों को घोषणा पत्र समिति से इसलिए भी जोड़ा है, ताकि वे अपने प्रशासनिक अनुभवों के आधार पर घोषणा पत्र को प्रभावी बनाने में सहयोग कर सकें।

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