कन्हैयालाल मर्डर पर राजन‍ीति, बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने, परिवार ने कहा- न्‍याय की उम्‍मीद

नई दिल्‍ली (New Delhi)। कन्हैयालाल का परिवार (Kanhaiyalal’s family)आज भी डर के साये में जी रहा है। उदयपुर(Udaipur) में उनके घर के बाहर चौबीसों घंटे पुलिस तैनात (police deployed)रहती है। सरकारी दफ्तर (government office)में एलडीसी के पद पर तैनात कन्हैयालाल के दोनों बेटे हमेशा सुरक्षा में रहते हैं। घर के बाहर की गतिविधियों की निगरानी के लिए कई सीसीटीवी कैमरा भी लगाए गए हैं।

राजस्थान के उदयपुर में 28 जून 2022 को दर्जी का काम करने वाले कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। आरोपियों ने कन्हैया का सिर कलम कर दिया था। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। कन्हैयालाल हत्याकांड को लगभग दो साल पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में पीड़ित परिवार को न्याय का इंतजार है।

इस घटना ने कन्हैयालाल की की पत्नी और दोनों बेटों की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। पीड़ित परिवार का कहना है कि उनके साथ अभी तक न्याय नहीं हुआ है। कन्हैयालाल की पत्नी ने कहा कि मेरे पति के साथ जो हुआ, दोषियों के साथ भी वही होना चाहिए।

कन्हैयालाल का परिवार आज भी डर के साये में जी रहा है। उदयपुर में उनके घर के बाहर चौबीसों घंटे पुलिस तैनात रहती है। सरकारी दफ्तर में एलडीसी के पद पर तैनात कन्हैयालाल के दोनों बेटे हमेशा सुरक्षा में रहते हैं। घर के बाहर की गतिविधियों की निगरानी के लिए कई सीसीटीवी कैमरा भी लगाए गए हैं।

कन्हैयालाल के बेटे तरुण का कहना है कि हमें अब तक न्याय नहीं मिला है। हम जहां भी जाते हैं, सुरक्षाकर्मी हमारे साथ रहते हैं। मैं सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाहता हूं। मैं ज्यादा दिनों तक सरकारी नौकरी में नहीं रहना चाहता। मुझे अपने पिता की याद आती है। कोई भी मुआवजा उनकी कमी को नहीं भर सकता।

एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि लोगों में गुस्सा भले ही कम हो गया हो, लेकिन उन्हें लगता है कि कन्हैयालाल के परिवार के साथ न्याय नहीं हुआ है।

इस बीच लोकसभा चुनाव के चलते कन्हैयालाल की मौत पर सियासत भी तेज हो गई है। कई लोगों का मानना है कि इससे ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है। उदयपुर लोकसभा सीट पर दो पूर्व ब्यूरोक्रेट्स के बीच मुकाबला हैं। इस सीट पर कांग्रेस ने ताराचंद मीना को टिकट दिया है, तो बीजेपी ने मन्नालाल रावत को उम्मीदवार बनाया है।

ताराचंद को अशोक गहलोत की सरकार में सीएम एक्सीलेंस अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। 2022 में जब कन्हैयालाल की हत्या हुई थी, तब मीना उदयपुर के कलेक्टर थे। उन्होंने बाद में वीआरएस ले लिया था और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वहीं, बीजेपी उम्मीदवार रावत आरटीओ में एडिशनल कमिश्नर रहे हैं।

कांग्रेस उम्मीदवार ताराचंद मीना ने आरोप लगाया है कि बीजेपी झूठ फैला रही है, जबकि कन्हैयालाल के लिए हमने हर काम किया है। मैं उस वक्त डीएम था। हमने उनके दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दिलाई। उन्होंने दावा किया कि ये मुद्दा अब लोगों के मन में नहीं है।

वहीं, बीजेपी उम्मीदवार मन्नालाल रावत का कहना है कि कन्हैयालाल की हत्या एक आतंकवादी कृत्य की तरह था, जिसके तार अंतर्राष्ट्रीय स्तर से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि जब लोग वोट डालेंगे, तो उनके मन में ये मुद्दा जरूर होगा।

बहरहाल, राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों के लिए दो चरणों में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में 19 अप्रैल और दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे।

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