फ्री पॉल्यूशन इंदौर, 448 होटलों को करवाया भट्ठी-फ्री 100 ट्रीटमेंट प्लांट भी चालू किए

सभी ऑइल कम्पनियां मोबाइल वाहन प्रदूषण जांच की भी देगी सुविधा, इलेक्ट्रिक अलाव की व्यवस्था करेगा निगम
इंदौर।  शहर के वायु प्रदूषण (Air Pollution) को रोकने और वायु गुणवत्ता (Air Quality) बढ़ाने के लिए प्रशासन, निगम और प्रदूषण बोर्ड (Pollution Board) द्वारा कई उपाय किए जा रहे हैं। पराली जलाने पर प्रभावी रोक लगाने के साथ 100 ट्रीटमेंट प्लांट (Treatment Plant) भी शहर में शुरू करवाए गए और सभी 19 झोनों पर ट्रांसफर स्टेशन की व्यवस्था भी निगम द्वारा की जा रही है। यह भी दावा किया गया कि ठंड के दौरान निगम रात में जो लकड़ी के अलाव जलवाता है उसकी बजाय इस बार इलेक्ट्रीक अलाव की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही 448 होटल, रेस्टोरेंट को भट्टी फ्री किया गया।

संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा (Divisional Commissioner Dr. Pawan Kumar Sharma) ने बताया कि वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए गठित कार्य योजना क्रियान्वयन समिति की बैठक कल उन्होंने ली, जिसमें कलेक्टर, निगमायुक्त सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। संभागायुक्त के मुताबिक किसानों को भी जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे पराली न जलाएं और वाहनों की भी नियमित जांच कराई जा रही है। धूल उडऩे वाले स्थानों को चिन्हित कर पानी के छिडक़ाव की भी व्यवस्था हो रही है। कलेक्टर इलैया राजा टी, निगमायुक्त प्रतिभा पाल सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में यह भी तय किया गया कि सभी ऑइल कम्पनियों से कहा जाए कि वे दो-दो मोबाइल वाहन प्रदूषण जांच केन्द्र उपलब्ध कराएं और सभी पेट्रोल पम्पों पर अनिवार्य रूप से पीयूसी केन्द्र भी स्थापित हों। इतना ही नहीं, पम्प संचालकों से यह भी कहा गया है कि वाहनों में निर्धारित राशि का पेट्रोल या डीजल भरवाने वालों को प्रदूषण की जांच नि:शुल्क करके दी जाए। शवदाह गृहों में भी कंडों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा और यह भी प्रयास किए जा रहे हैं कि चंदनयुक्त गौ पास्ठ का निर्माण हो। निगम द्वारा ठंड में लकड़ी के अलाव की जगह इलेक्ट्रीक अलाव जलवाए जाएंगे। वायु प्रदूषण रोकने के लिए मेघदूत, योजना 140 की चौपाटी को भट्टी फ्री मार्केट में परिवर्तित किया गया है और कुछ जगहों पर रोटी के लिए तंदूर चल रहे हैं, उन्हें भी वैकल्पिक साधन उपयोग की समझाइश दी जा रही है। होटल और रेस्टोरेंट संचालकों की बैठकें आयोजित कर उन्हें कोयले और लकड़ी के वैकल्पिक साधनों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। मलबे को खुले में एकत्रित करने पर भी रोक लगाई गई है।

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