पॉकेट एफएम के लिए अपनी नौकरी छोड़कर लेखन बनने की यात्रा को लेकर ‘द इम्मोर्टल वॉरियर’ के लेखक प्रदीप शर्मा ने किए कई खुलासे !

जीवन के सबसे महान क्षण अक्सर तब आते हैं जब हम अपनी आंतरिक आवाज़ को सुनते हैं। दिल्ली के 40 वर्षीय प्रदीप शर्मा ने अपने मन की आवाज़ सुनकर इस सच्चाई को साकार किया। 32 साल की उम्र में, उन्होंने अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए, एक सुरक्षित कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर एक नए सफर पर निकल पड़े। अब, वह पॉकेट एफएम में एक सफल लेखक हैं, जो विभिन्न दर्शकों के लिए आकर्षक ऑडियो सीरीज लिख रहे हैं।

अपनी कॉर्पोरेट नौकरी को लेकर बात करते हुए वे बताते हैं, “एक क्यूबिकल में बैठकर नौकरी करते हुए मुझे मानो ऐसा महसूस हो रहा था कि यह मेरे सपनों और जुनून को रोक रही है। वह एक ऐसा क्षण था जब मुझे यह एहसास हुआ कि मैं जो करना चाहता हूँ वह ये नहीं है। यह संकेत कुछ ऐसा था मानो ब्रह्मांड मुझे एक स्पष्ट रूप से कह रहा है कि मुझे अपने पैशन को आगे बढ़ाते हुए लिखना चाहिए।”

“उस विकल्प के महत्व का वर्णन करना कठिन है। जब मैंने लिखने के अपने जुनून को पूरा करने का फैसला किया तो मुझे डर और उत्साह दोनों महसूस हुआ। अपनी स्थिर नौकरी और उस दिनचर्या को छोड़ना एक अंधेरे जंगल में कदम रखने जैसा था। मुझे नहीं पता था कि यह कहां ले जाएगा, लेकिन मुझे भरोसा था कि यह यात्रा सार्थक होगी”।

प्रदीप उस समय लिए गए अपने फैसले से संतुष्ट हैं, उन्हें अपने परिवार से पूरा हौसला और समर्थन मिला। इस पर बात करते हुए प्रदीप ने कहा, “मैं बहुत खुश हूँ कि मैंने अपने विश्वास की छलांग लगाई। लेखन ने मेरे जीवन में नया अर्थ जोड़ा और एक राहत भरी सास ली है, यह साबित करते हुए कि जब हम अपने दिल की सुनते हैं तो उसका सही परिणाम सामने आता है, भले ही आगे का रास्ता तय हो या न हो।”

उन्होंने यह भी कहा कि , “शुरुआत में, मैंने अपने करियर के बदलाव को अपने परिवार से गुप्त रखा, यह समझाते हुए कि कंपनी ने मुझे जाने दिया है। बाद में, मैंने उन्हें अपने नए चुनाव की जानकारी दी जिसपर वे आश्चरचकित भी हुए और खुश भी।”

पॉकेट एफएम पर विशेष रूप से उपलब्ध ‘द इम्मोर्टल वॉरियर’ धनुष के इर्द-गिर्द घूमती एक सम्मोहक कहानी बुनती है, जिसका जीवन एक कार दुर्घटना के बाद गहरा मोड़ लेता है। उसकी आत्मा दो भागों में विभाजित हो जाती है: एक समानांतर दुनिया में 10,000 साल की यात्रा पर निकल जाती है, जबकि दूसरी पृथ्वी पर ही रहती है। यह ऑडियो सीरीज उनकी अलग-अलग यात्राओं, पुनर्मिलन की खोज और उनकी पहचान को आकार देने वाली चुनौतियों और रोमांच पर प्रकाश डालती है। यह आत्म-खोज और नियति के जटिल मिश्रण की कहानी है, जो धनुष के अतीत और वर्तमान जीवन के धागों को एक रोमांचक कहानी में जोड़ती है।

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