इन्दौर में बने अनूठे जैन तीर्थधाम में आज से प्रतिष्ठा महोत्सव

50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु होंगे शामिल, सुबह धर्म ध्वज फहराकर पंच कल्याणक का हुआ शुभारंभ, बिना कालम का 24 हजार स्क्वेयर फीट का विशाल डोम बना
इन्दौर। आज से अद्वितीय रचना तीर्थधाम ढाईदीप जिनायतन (Teerthdham Dhaideep Jinayatan)  का श्री मज्जीनेंद्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव (Pratishtha Mahotsav) शुरू हो गया है। सुबह शोभायात्रा (Shobhayatra) निकली, बिना कालम के 24 हजार स्क्वेयर फीट के विशाल और अनूठे डोम का निर्माण किया गया है, जहां पर 26 जनवरी तक पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव (Panchkalyanak Pratishtha Mahotsav) का आयोजन किया जा रहा है। आज मंगलगायन और जिनेंद्र पूजन के पश्चात भव्य रथयात्रा और मंगल कलश शोभायात्रा तीर्थकर के जन्मस्थल अयोध्यानगर के द्वार पर पहुंची और धर्म ध्वज फहराकर पंचकल्याणक का शुभारंभ किया गया।

इस आयोजन के प्रमुख एसपी भारिल्ल (SP Bharill) और प्रवक्ता मनीष अजमेरा ने बताया कि ब्रह्मचारी अभिनंदनजी शास्त्री, खनियाधाना के प्रतिष्ठाचार्य एवं डॉ. संजीव कुमार के निर्देशन में पंडितजी शास्त्री जयपुर के सहनिर्देशन में यह प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित किया गया है। आज दोपहर प्रतिष्ठा मंडपम की वैदी पर विधि अध्यक्ष श्री जिनेंद्र भगवान विराजमान, नांदी विधान, वैदी पर मंगल कलश स्थापना, जिनवाणी विराजमान, इन्द्र प्रतिष्ठा सहित अन्य आयोजन होंगे। कल 21 जनवरी को तीर्थंकर की माता मरूदेवी रात्रि में दिखे सोलह स्वपनों के फल जानने की जिज्ञासा से राज्यसभा में महाराजा नाभिराय के पास जायेंगी एवं राजा नाभिराय की राज्यसभा में 16 सपनों के फलों का भव्य प्रदर्शन किया जाएगा।
22 जनवरी को प्रात: जन्मकल्याणक संबंधी इन्द्रसभा व राजसभा का आयोजन किया जाएगा एवं इन्द्र सभा भी आयोजित होगी, वहीं 23 को इन्द्रसभा में चर्चा, राजकुमार ऋषभदेव का अयोध्या के राज सिंहासन पर राज्याभिषेक, भरत-बाहुबली एवं ब्राह्मी- सुन्दरी का अयोध्या नगरी में प्रवेश, राज्यसभा में नीलांजना का नृत्य एवं मरण, वैराग्य प्रेरक घटित घटना को देखकर राजा ऋषभदेव को वैराग्य, लौकान्तिक देवों का वैराग्य की अनुमोदना हेतु आगमन एवं दीक्षाभिषेक की विधि सम्पन्न कराई जाएगी। 24 को तीर्थंकर मुनिराज की नवधाभक्तिपूर्वक आहार दान के प्रवर्तन स्वरूप सर्वप्रथम राजा श्रेयांश के कर कमलों से आहारविधि सम्पन्न होगी। 25 को एक विशिष्ट श्रावक सभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रावकों द्वारा श्रावक धर्म पर जीवनोपयोगी चर्चाऐं होंगी। तत्पश्चात् विशेषज्ञ विद्वानों द्वारा विद्वत संगोष्ठी का अयोजन किया जाएगा। 26 को प्रात:काल मंगलगायन एवं जिनेन्द्र पूजन, दशभक्ति पाठ एवं निर्वाण महोत्सव की विधि मोक्ष कल्याणक पूजन, विधिप्रतिष्ठा मंडप से ढाईद्वीप जिनायतन तक श्री जिनेन्द्र भगवन की शोभा यात्रा पूर्वक श्री जिनेन्द्र भगवन्तों की वेदी पर स्थापना के साथ यह भव्य अयोजन सम्पन्न होगा।

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