मां नर्मदा की महाआरती में President Ramnath Kovind हुए शामिल 

जबलपुर/भोपाल। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ( President Ramnath Kovind) संस्कारधानी जबलपुर (jabalpur) में शनिवार शाम को पुण्य सलिला मां नर्मदा के ग्वारीघाट पर मां नर्मदा की महाआरती में शामिल हुए। उन्होंने स्वास्तिवाचन, हर-हर नर्मदे और नर्मदाष्टकम् के श्लोकों की गूंज के बीच पूरे विधि-विधान से पुरोहितों की मौजूदगी में मां नर्मदा की पूजा-अर्चना की।

धर्म और आध्यात्मिकता से सराबोर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) मां नर्मदा की महात्म्यता से अभिभूत हो गये। उन्होंने ग्वारीघाट में नर्मदा के अलौकिक सौंदर्य को निहारा। इसके बाद देव दीपावली से नजारे के बीच अर्द्ध-चंद्राकार में बने मंच से मां नर्मदा आरती के दर्शन भी किये। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोब्डे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी नर्मदा आरती में शामिल हुए।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अशोक भूषण, केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल एवं उनकी धर्मपत्नी पुष्पलता पटेल, केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, सांसद राकेश सिंह और राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा भी महाआरती में शामिल हुए।

मां नर्मदा की भव्य आरती में राज्य मंत्री आयुष (स्वतंत्र प्रभार) जल संसाधन रामकिशोर कांवरे, विधायकगण सहित धर्माचार्य और संत समाज मौजूद रहे। केन्द्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित नर्मदा महाआरती की संपूर्ण व्यवस्था का दायित्व केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने निभाया।

फूलों और रंगोली के साथ आकर्षक विद्युतीय साज-सज्जा की दूधिया रोशनी की जगमगाहट से रात के अंधेरे में भी सुबह जैसी रोशनी से दमकते उमाघाट पर जब सात अर्चकों ने नर्मदा महाआरती को भव्यता दी, तो धर्म, अध्यात्म, आस्था और श्रृद्धा से ग्वारीघाट का पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।

नर्मदा आरती में शामिल होने वाले पहले राष्ट्रपति (President Ramnath Kovind)

राष्ट्रपति कोविंद शनिवार शाम पौने सात बजे ग्वारीघाट तट पर पहुंचे। इस दौरान रोशनी से नहाए तट की अनुपम सौंदर्यता भक्ति भाव को चरमोत्कर्ष पर पहुंचा रही थी। नर्मदा अष्टक और नर्मदा आरती में खड़े होकर महामहिम मां नर्मदा की भक्ति में लीन नजर आए। इसके साथ वे मां नर्मदा की महाआरती में शामिल होने वाले देश के पहले राष्ट्रपति बन गए।

ग्वारीघाट तट पर बसंत पंचमी 2012 से अनवरत महाआरती का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन शनिवार का आयोजन नई भव्यता देने वाला साबित हुआ। संस्कृति मंत्रालय और पर्यटन विभाग के तत्वावधान में इस महाआरती का आयोजन किया गया। इसका सीधी प्रसारण सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर विश्वभर में किया गया। इसके साथ ही मां नर्मदा के ग्वारीघाट तट पर नौ वर्षों से हो रही महाआरती के इतिहास में छह मार्च की तारीख स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गई।नर्मदा महाआरती समिति के प्रमुख ओंकार दुबे ने बताया कि यहां प्रतिदिन शाम को मां नर्मदा की महाआरती होती है, जिसमें बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल होते हैं। वैसे तो, देश में गंगा महाआरती का आयोजन कई शहरों और प्रमुख घाटों पर होता है। इसमें देश की कई मानी हुई हस्तियां शामिल होती रहती हैं, लेकिन मां नर्मदा की महाआरती की ख्याति भी लोगों को बरबस ही ग्वारीघाट में खींच लाती है। अब तक इस घाट पर होने वाले महाआरती में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व संघ चालक केएस सुदर्शन समेत कई हस्तियां शामिल हो चुकी हैं। (हि.स.)

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