भाजपा के दांव से कांग्रेस पर बढ़ा दबाव, नए लोगों को मौका देने का दांव पार्टी में जोर पकड़ने लगा

नई दिल्‍ली (New Dehli) । राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा (B J P)की ओर से मुख्यमंत्री (Chief Minister)के तौर पर नए लोगों को मौका (Opportunity)देने से कांग्रेस (Congress)पर भी इसी तरह के बदलाव (shift)का दबाव बढ़ गया है। भाजपा ने जिस अंदाज से वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर नए लोगों को आगे किया है, उससे कांग्रेस नेता भी हैरान हैं। पार्टी के अंदर यह मांग जोर पकड़ने लगी है कि कांग्रेस को भी नए लोगों को मौका देना चाहिए।

मध्य प्रदेश में विधायक दल का नेता तय करने के लिए कांग्रेस ने गुरुवार को विधायकों की बैठक बुलाई है। विधायक दल के नेता के लिए कई विधायक अपनी दावेदारी जता रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी। उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी पर दबाव बढ़ा है। राजस्थान में भी विधायक दल का नेता तय करने के लिए कांग्रेस जल्द बैठक बुलाने की तैयारी कर रही है। हालांकि, पार्टी के अंदर एक तबका चाहता है कि लोकसभा चुनाव तक कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। मगर, पार्टी के ज्यादातर नेता मानते हैं कि नए लोगों को मौका देने और प्रदेश कांग्रेस में नया नेतृत्व विकसित करने का यह बेहतरीन वक्त है।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि समय आ गया है कि उनकी पार्टी भी भाजपा की तरह बड़े बदलाव करे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा ने मराठा दावेदारों को दरकिनार कर जब अक्तूबर, 2014 में देवेंद्र फड़णवीस को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था, उस वक्त कई सवाल उठे थे। मगर, समय के साथ फड़णवीस ने खुद को साबित किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कमान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के पास थी, उसका परिणाम सबके सामने है। ऐसे में लोकसभा में एक बार फिर वरिष्ठ नेताओं पर भरोसा करना और उनकी अगुआई में चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। पार्टी में नए लोगों को मौका मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत इसकी बेहतरीन मिसाल है। तेलंगाना में पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी। उस वक्त पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने उनके खिलाफ बगावत कर दी थी। मगर, पार्टी अपने फैसले पर अडिग रही और नतीजा सबके सामने हैं।

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