प्रिंस तेवतिया पर तिहाड़ में पहले भी हुआ था हमला, उसकी हत्या के बाद शक्ति नायडू गिरोह खत्म

नई दिल्ली (New Delhi)। तिहाड़ जेल में गैंगवार (Tihar Jail Gangwar) के शिकार प्रिंस तेवतिया (Prince Tewatia) पर पहले भी तिहाड़ जेल में जानलेवा हमला (Deadly attack) हुआ था। उस पर जेल में कुणाल ने ब्लेड से हमला किया था। जांच में यह बात सामने आई कि गैंगस्टर रोहित चौधरी (Gangster Rohit Chowdhary) के निर्देश पर उस पर हमला किया गया था। 29 अक्तूबर को उसने अपने साथियों सौरव, हनी रावत, प्रकाश के साथ रोहित से बदला लेने की योजना बनाई थी। वह अपने पर हमला करने वाले कुणाल से भी बदला लेना चाहता था। इसके लिए उसे एक कार की जरूरत थी।

प्रिंस ने दिल्ली कैंट इलाके में फॉर्च्यूनर कार लूट ली थी। पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और बाद में वायरल हो गई थी। बदमाश कार को ककरोला इलाके में खड़ी कर फरार हो गए थे। उसके बाद ही अपराध शाखा ने दो दिसंबर 2022 को प्रिंस को गिरफ्तार कर लिया था। प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद शक्ति नायडू गिरोह का पूरी तरह खात्मा हो गया है। इस गिरोह के एक सदस्य की रोहिणी जेल में हत्या कर दी गई थी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रिंस मूलत: विकास नगर लोनी गाजियाबाद, यूपी का रहने वाला था। वह ग्रेटर कैलाश इलाके में स्थित स्कूल से 12वीं तक पढ़ा था। उसके परिवार में एक छोटा भाई और छोटी बहन है। उसकी बहन की शादी हो चुकी है और उसका भाई पढ़ाई कर रहा है। उसके पिता डीडीए से सेवानिवृत्त हैं।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उसके पिता की किसी से दुश्मनी हो गई थी। कुछ समय बाद साल 2010 में प्रिंस ने उस व्यक्ति की हत्या कर दी। आंबेडकर नगर थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। खुद को नाबालिग साबित करने के लिए उसने नकली जन्म प्रमाण पत्र दिया था। पुलिस ने उसके खिलाफ फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज किया। साल 2013 में वह जेल में गैंगस्टर रोहित चौधरी के संपर्क में आया। साल 2014 में वह जमानत पर रिहा हुआ और उसके बाद रोहित चौधरी के निर्देश पर केबल ऑपरेटरों, सट्टा ऑपरेटरों, बिल्डरों से रंगदारी वसूल करने लगा। फरवरी 2015 में, उसका एक वकील परवेश के साथ विवाद हो गया। उसने परवेश के पैर में गोली मार दी। अप्रैल 2015 में वह एक लड़की से मिला और लिव-इन में रहने लगा। लड़की के साथ रहने से इनकार करने पर उसे भी गोली मार दी।

जनवरी 2016 में रोडरेज में आरोपित प्रिंस तेवतिया ने एक को गोली मार दी थी। प्रिंस को गिरफ्तार कर साल 2018 में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। समय बीतने के साथ प्रिंस अपराध की कमाई के बंटवारे को लेकर रोहित चौधरी गैंग से अलग हो गया। साल 2019 में वह पैरोल पर बाहर निकलकर फरार हो गया। अक्टूबर 2019 में स्पेशल सेल से मुठभेड़ हुई और प्रिंस को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रिंस तेवतिया पर 16 मामले दर्ज थे।

रोहित चौधरी गिरोह से अलग होकर गैंग बनाया था
रोहित चौधरी से अलग होने के बाद शक्ति नायडू ने अलग गिरोह बनाया। शक्ति नायडू को गाजियाबाद में मुठभेड़ में मार गिराया था। कुछ समय पहले रोहिणी जेल में एक प्रमुख सदस्य की हत्या कर दी गई थी। गिरोह की कमान प्रिंस तेवतिया ने संभाल रखी थी। प्रिंस तेवतिया की मौत के बाद शक्ति नायडू गिरोह खत्म हो गया है। ये गिरोह हाशिम बाबा व लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़ा हुआ था।

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