कोर्ट छोड़ राजनीति में आने का क्‍या है मकसद? अभिजीत गंगोपाध्याय ने बताई भाजपा जॉइन करने की कहानी

नई दिल्‍ली (New Dehli)। अभिजीत गंगोपाध्याय (Abhijit Gangopadhyay)ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court)के न्यायाधीश पद से इस्तीफा (resignation from the post of judge)देने के कुछ ही देर बाद राजनीति(Politics) में उतरने और केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा (ruling party bjp)में शामिल होने का ऐलान कर दिया। उनके इस फैसले की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है। टीएमसी ने एक न्यायाधीश के रूप में उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठाया है। हालांक, गंगोपाध्याय ने टीएमसी के तमाम आरोपों को निराधार बताया और जज रहते हुए खुद को निष्पक्ष करार दिया है।

एक इंटरव्यू में अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस बारे में विस्तार से बात की कि वह किस वजह से वे राजनीति में आए हैं। इस दौरान उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का भी जवाब दिया है।

गंगोपाध्याय ने कहा, “मैंने न्यायाधीश रहते हुए कभी राजनीति नहीं की है। मैंने कभी भी कोई ऐसा निर्णय नहीं दिया जो राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण हो। मैंने जो निर्णय दिया, जो भी आदेश पारित किया, वह हमेशा मेरे सामने रखे गए तथ्यों के आधार पर था।”

उन्होंने कहा, “यदि कोई अत्यधिक भ्रष्ट है और उसका भ्रष्टाचार किसी जज का सामने साबित हो जाता है तो जज हमेशा उचित एजेंसी द्वारा इसकी जांच सुनिश्चित कराने के लिए उचित आदेश देगा। मैंने भी वही किया है। यह किसी के भी पार्टी के पक्ष में नहीं है।”

आपको बता दें कि जस्टिस गंगोपाध्याय का तृणमूल कांग्रेस नेताओं के साथ कई बार टकराव हो चुका है। उन्होंने पूछा, “मुझे इस बात आश्चर्य हो रहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने मेरे द्वारा पारित सभी आदेशों को चुनौती देते समय कभी यह नहीं कहा कि मैं एक राजनीतिक व्यक्ति हूं और मैं राजनीतिक निर्णय ले रहा हूं। उन्होंने कभी अपीलीय अदालत या सुप्रीम कोर्ट के सामने ऐसा कोई सवाल नहीं उठाया। अब वे सवाल उठा रहे हैं क्योंकि वे लोगों का ध्यान भ्रष्टाचार के मुद्दे से हटाना चाहते हैं।”

गंगोपाध्याय ने इस बात का भी खुलासा किया कि उनका कभी भी किसी राजनीतिक दल में शामिल होने का इरादा नहीं था। उन्होंने कहा, “मैंने सोचा था कि मैं उचित समय पर, यानी करीब पांच महीने बाद रिटायरमेंट ले लूंगा। लेकिन फिर मुझे पता चला कि लोग मुझे चुनौती दे रहे हैं और मुझे राजनीतिक क्षेत्र में आमंत्रित कर रहे हैं। मैंने भी सोचा कि मुझे पहले क्यों नहीं जाना चाहिए?”

जज से राजनेता बनने के बारे में पूछे जाने पर गंगोपाध्याय ने कहा, ‘मैं सात दिनों की छुट्टी पर था और छुट्टी खत्म होने पर बीजेपी ने कुछ कॉमन फ्रेंड के जरिए मुझसे संपर्क किया। मैंने भी कुछ कॉमन दोस्तों के जरिए बीजेपी से संपर्क किया। हमने पहली बार एक-दूसरे से बात की और उसके बाद मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया।

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