चुनावी रैलियों की नहीं हो रही रिकॉर्डिंग शिकायतों के निराकरण पर सवाल

  • दल ही नही किए गए गठित,किसे शिकायत करे कर्मचारी भी परेशान

उज्जैन। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे चुनावी दौर की रैलियों और सभा की रिकॉर्डिंग करने के लिए विभाग दल बनाना ही भूल गया । किसी भी पार्टी की रैलियों की रिकॉर्डिंग नहीं की जा रही है जिसकी वजह से आ रही शिकायतों का निराकरण कैसे होगा इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रत्येक चुनाव में राज्य चुनाव आयोग के निर्देश पर विभिन्न दलों के साथ वीडियो रिकॉर्डिंग दल, अवलोकन दल का गठन भी किया जाता रहा है, लेकिन इस बार ऐसे किसी भी दल का गठन नहीं किया गया जिसके कारण प्रतिदिन आ रही शिकायतों का निराकरण कैसे किया जाए इस पर अधिकारी और कर्मचारी परेशान हो रहे है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिदिन आ रही शिकायतों में विभिन्न तरह के प्रलोभन देने की भी शिकायतें आ रहे हैं लेकिन किसी भी तरह की रिकॉर्डिंग नहीं होने के कारण निपटान नहीं किया जा रहा है। ज्ञात हो कि हर चुनाव में इन वीडियोग्राफी दलों द्वारा दी गई। जानकारी के अनुसार मतदाताओं को विभिन्न पार्टियों द्वारा दिए गए प्रलोभन की जांच की जाती है । साथ ही किन प्रत्याशियों द्वारा किस तरह से खर्चा किया जा रहा है उस पर भी नजर रखी जाती है।


आखिर दिए खर्चे की कैसे होगी जांच
महापौर के 5 व 54 वार्डों के 179 प्रत्याशी किस तरह से चुनावी सभाओं रैलियों और मतदाताओं को लुभाने के लिए खर्चा कर रहे हैं इसका ब्योरा विभाग को सौंपा जाता है लेकिन इन खर्चों का सत्यापन कैसे होगा इस बात पर प्रश्न चिन्ह है।

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