12 दिन बाद रक्षाबंधन पर्व..राखी 20 से 30 प्रतिशत महँगी हुई

उज्जैन। भाई-बहन के प्यार के प्रतीक रक्षाबंधन 30 अगस्त को मनाया जाएगा और शहर के बाजारों में त्यौहार की रौनक दिखाई दे रही है। शहर के आसपास के जिलों से भी लोग पहुंच रहे हैं। महंगाई राखी कारोबार पर भी है और इसके दामों में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़त हुई है। थोक बाजार में कई अलग-अलग तरह की नई वैरायटी की राखियां मौजूद हंै। इन दिनों डायमंड, स्टोन, फैंसी डोरी और बच्चों के बीच सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली कार्टून कैरेक्टर की राखियां पसंद की जा रही हैं। कारोबारियों के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली बड़े फुंदे वाली राखियां चलन से लगभग बाहर हो चुकी हैं। यह बाजारों में केवल 5 फीसदी ही नजर आ रही हैं। उज्जैन छत्रीचौक, फ्रीगंज और दूधतलाई क्षेत्र सहित लखेरवाड़ी में भी राखियों की दुकानें लगती हैं और यहाँ खरीदी जमकर होती है। हालांकि अभी कपड़ा बाजार में भीड़ नजर नहीं आ रही है लेकिन रक्षाबंधन पर्व के एक सप्ताह पहले तक भीड़ खरीददारों की दिखने लगेगी।

10 रुपए से 1200 रुपए दर्जन तक भाव
व्यापारियों ने बताया कि राखी की हजारों तरह की डिजाइन बाजार में उपलब्ध हैं। इनकी कीमत इनमें इस्तेमाल होने वाले मटेरियल से लेकर पैकिंग तक से प्रभावित होती है। इस बार बाजार में लोगों के लिए राखी की कीमत 5 रुपए से लेकर 1200 रुपए प्रति दर्जन तक है।

देश के कई शहरों से उज्जैन आती हैं राखियां
उज्जैन में कच्चे माल से राखियां बनाए जाने के साथ ही बड़ी मात्रा में देश के कई प्रमुख शहरों से भी तैयार राखियां आती हैं। इनमें कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, राजकोट और अहमदाबाद प्रमुख हैं, वहीं उज्जैन आने के बाद ये राखियां आसपास के कई क्षेत्रों और पूरे प्रदेश में व्यापारी ले जाते हैं। राखियों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाला सामान देश के कई प्रमुख शहरों से लेकर चीन तक से आता है। इनमें ज्यादातर बच्चों की राखियों में लगने वाले कार्टून कैरेक्टर, लाइट और साउंड वाले छोटे खिलौने हैं, जिन्हें राखी का रूप दिया जाता है।

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