250 फीट चौड़ी सड़कों के साथ टीपीएस योजनाओं में तेजी से विकास कार्य शुरू

प्राधिकरण ने मास्टर प्लान की सभी सडक़ों के साथ ड्रेनेज, बिजली, पानी, गार्डन जैसी मूलभूत सुविधाओं पर करोड़ों रुपए के टेंडर किए मंजूर, जमीनों को हासिल करने के साथ आवंटन प्रक्रिया भी जारी

इंदौर। प्राधिकरण ने शासन से मंजूर लैंड पुलिंग एक्ट के तहत घोषित की अपनी टीपीएस (TPS) योजनाओं में तेजी से विकास कार्य शुरू करवा दिए हैं। पूर्व में तीन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग योजना यानी टीपीएस योजना 5, 3, 8 को मंजूरी मिली, उसके बाद अन्य योजनाओं में मंजूरी के साथ ही दावे-आपत्ति बुलवाने, सुनवाई करने की प्रक्रिया भी पूरी की गई। अभी पिछली बोर्ड बैठक में ही टीपीएस-9 और 10 में लगभग 512 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के टेंडरों को भी मंजूरी दी गई। इन योजनाओं में अंदरुनी 18 मीटर से लेकर 75 मीटर यानी 250 स्क्वेयर फीट चौड़ी मास्टर प्लान व अन्य प्रमुख सडक़ों का निर्माण इन दिनों किया जा रहा है। ड्रैनेज, बिजली, पानी के साथ-साथ इन योजनाओं में विकसित किए जाने वाले 100 से ज्यादा गार्डन भी तैयार किए जा रहे हैं और अभी मानसून से पहले यहां पर हजारों पौधे भी रोपे जाएंगे। जमीन मालिकों से अनुबंध के साथ ही उन्हें 50 फीसदी दी जाने वाली जमीनों-भूखंडों के आबंटन-पत्र भी सौंपे जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि अब प्राधिकरण लैंड पुलिंग एक्ट (Land Pulling Act) के तहत ही योजनाओं को विकसित कर सकता है। पुरानी योजनाओं को भी टीपीएस के दायरे में लिया गया है। साथ ही कुछ नई योजनाएं भी तैयार की जा रही है। 1200 एकड़ की दो टीपीएस 9 और 10 को अभी बोर्ड बैठक में मंजूरी के साथ उनके विकास कार्यों को भी हरी झंडी दी गई। टीपीीएस-1, 2, 3 के अलावा 5, 6, 7, 8, 9, 10 पर प्राधिकरण ने अमल शुरू कर दिया है। इन सभी योजनाओं में 5 हजार एकड़ से अधिक जमीनें शामिल है, जबकि टीपीएस-4 पर अभी हाईकोर्ट का स्टे चल रहा है। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा के मुताबिक पिछले दिनों टीपीएस-5, 3, 8 में विकास कार्य शुरू करवाए और अभी पिछली बोर्ड बैठक में 480 हेक्टेयर की दो टीपीएस 9 और 10 में भी 512 करोड़ के विकास कार्यों की प्रशासकीय मंजूरी ली गई। इन योजनाओं में सीमेंट कांक्रीट की अंदरुनी सडक़ों के साथ-साथ मास्टर प्लान की चौड़ी सडक़ों का भी निर्माण किया जा रहा है। 9, 18, 45 से लेकर 75 मीटर यानी 250 फीट आठ लेन की सडक़ों का निर्माण शुरू हो गया है। टीपीएस-9 में भिचौली हप्सी, टिगरियाराव और कनाडिय़ा की लगभग 260 हेक्टेयर जमीन शामिल है, तो टीपीएस-10, जो कि बड़ा बांगड़दा, पालाखेड़ी, टिगरिया बादशाह, लिम्बोदागारी में है, उसमें 221 हेक्टेयर जमीन है। चौड़ी सडक़ों के साथ-साथ ड्रैनेज, पानी, बिजली, स्टार्म वॉटर लाइन, बगीचों में कम्पाउंड वॉल, पाथ-वे, पौधारोपण सहित अन्य काम शुरू करवाए गए हैं। वहीं जल वितरण के लिए निगम द्वारा जिन ओवर हेड टैंक की जरूरत बताई गई है वहां उनका भी निर्माण कराया जा रहा है। अध्यक्ष श्री चावड़ा के मुताबिक इन सभी योजनाओं में अत्याधुनिक और बेहतर सीवरेज सिस्टम ट्रीटमेंट प्लांट, नालों के चैनलाइजेशन के साथ-साथ बिजली कम्पनी की जरूरत के मुताबिक सब स्टेशनों के लिए भी जमीन का प्रावधान रखा गया है। उल्लेखनीय है कि शासन की लैंड पुलिंग पॉलिसी के तहत ये योजनाएं विकसित की जा रही है, जिसमें जमीन मालिक को 50 प्रतिशत जमीन वापस लौटा दी जाती है और शेष 50 प्रतिशत जमीन का उपयोग प्राधिकरण करता है, जिसमें 20 प्रतिशत भूखंडों को विकसित कर बेचने, 10 प्रतिशत मूलभूत सुविधाओं, गार्डन, कम्युनिटी हॉल और 20 फीसदी जमीन सडक़ों सहित अन्य विकास कार्यों में इस्तेमाल की जाती है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राकेश गोलू शुक्ला का कहना है कि एक तरफ जहां अंतिम स्टेज पर आ चुकी टीपीएस योजनाओं में विकास कार्य शुरू करवा दिए हैं, वहीं जमीन मालिकों की सहमति भी लगातार मिल रही है और उसके आधार पर उन्हें चिन्हित की गई जमीन या भूखंडों के आबंटन-पत्र भी सौंपे जा रहे हैं।

Leave a Comment