रतन टाटा ने 165 करोड़ में बनाया कुत्तों का हॉस्पिटल, अंग्रेज डॉक्टर को शिफ्ट कराया मुंबई

नई दिल्ली: रतन टाटा देश के सबसे लोकप्रिय उद्योगपतियों में से एक हैं. उनकी लोकप्रियता का एक बड़ा कारण हैं उनका परोपकारी होना. टाटा समूह बड़े स्तर पर दान करता है. रतन टाटा को खास तौर पर कुत्तों से बड़ा लगाव है. उनका यह लगाव उनकी एक बहुत पुरानी फोटो में भी दिखता है जिसमें वह और उनके छोटे भाई नवल टाटा एक कुत्ते को गोद में लिए बैठे हैं. यही नहीं, मुंबई में टाटा समूह के मुख्यालय बॉम्बे हाउस में भी कुत्तों के लिए खास स्थान है. यहां आवारा कुत्तों को रहने-छुपने की जगह मिलती है.

रतन टाटा ने अपने डॉग लव को आगे बढ़ाते हुए अब एक और शानदार काम किया है. उनका ड्रीम प्रोजेक्ट एक डॉग हॉस्पिटल बनाना था जो अब पूरा हो चुका है. वह देशभर में डॉग हॉस्पिटल्स बनाना चाहते हैं और इसकी शुरुआत मुंबई से हो चुकी है. 165 करोड़ रुपये की लागत से बने इस डॉग हॉस्पिटल का उद्घाटन अगले महीने हो सकता है.

रतन टाटा ने कहा है कि डॉग एक परिवार के किसी दूसरे सदस्य की तरह ही होता है. उन्होंने कहा, “मैं जीवनभर कई पेट्स रखे हैं और मुझे इस हॉस्पिटल की अहमियत पता है.” उन्होंने एक पुराना वाकया याद करते हुए कहा कि उन्हें एक बार एक कुत्ते को यूनिवर्सिटी ऑफ मिनिसोटा ले जाना पड़ा था क्योंकि उसे जॉइंट रिप्लेसमेंट की जरूरत थी लेकिन वह समय पर नहीं पहुंच सके और कुत्ते के जॉइंट एक पोजिशन में फिक्स करना पड़ा. उन्होंने कहा, “इस घटना ने मुझे दिखाया कि एक वर्ल्ड क्लास वेटनेरी हॉस्पिटल क्या कर सकता है.”

इस हॉस्पिटल को बनाने में 165 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. यह एक 5 मंजिला इमारत है जिसमें 200 पालतू जानवरों का एक समय पर इलाज हो सकता है. यहां डॉक्टरों की पूरी एक टीम होगी जिसका नेतृत्व ब्रिटिश डॉक्टर थॉमस हीथकोट करेंगे. वह इसके लिए मुंबई शिफ्ट हो गए हैं. यह हॉस्पिटल पहले नवी मुंबई में बनना था लेकिन रतन टाटा ने इसे मुंबई के और करीब बनाने को कहा जिसकी वजह से महालक्ष्मी में जमीन खोजी और सारी कागजी कार्रवाई पूरी करने में कुछ अतिरिक्त समय भी लगा. लेकिन अब यह अस्पताल पूरी तरह बनकर तैयार है.

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