RBI ने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और आईडीएफसी के विलय को मंजूरी दी

नई दिल्ली (New Delhi)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) ने आईडीएफसी लिमिटेड (IDFC Limited) और आईडीएफसी फार्स्ट बैंक (IDFC First Bank) के विलय को अपनी मंजूरी (approve the merger) दे दी है। आईडीएफसी और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के निदेशक मंडलों ने इन दोनों के विलय प्रस्ताव को जुलाई में ही अपनी स्वीकृति दे दी थी।

आईडीएफसी लिमिटेड ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि ‘आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी (आईडीएफसी एफएचसीएल) को 26 दिसंबर, 2023 को रिजर्व बैंक से एक पत्र मिला है, जिसमें केंद्रीय बैंक ने नियमों के तहत विलय की प्रक्रिया होने पर कोई असहमति नहीं जताई है।

नियामिकीय सूचना के मुताबिक इस विलय योजना के तहत पहले आईडीएफसी एफएचसीएल का आईडीएफसी में विलय होगा। उसके बाद आईडीएफसी का विलय आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड में किया जाएगा। प्रस्तावित विलय योजना के अंतगर्त आईडीएफसी के एक शेयरधारक को बैंक में प्रत्येक 100 शेयरों के बदले 155 शेयर मिलेंगे। इन दोनों शेयरों का अंकित मूल्य 10 रुपये है।

उल्लेखनीय है कि इस विलय के बाद बैंक का प्रति शेयर एकल आधार पर मूल्य 4.9 फीसदी बढ़ जाएगा। जून तक आईडीएफसी की अपनी गैर-वित्तीय होल्डिंग कंपनी के जरिए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में 39.93 फीसदी हिस्सेदारी थी। इन कंपनियों का विलय राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और प्रभावी कानूनों के तहत शामिल कंपनियों के संबंधित शेयरधारकों और लेनदारों सहित अन्य वैधानिक और विनियामक अनुमोदनों के अधीन है।

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