कर्नाटक में बगावत के सुर तेज, नाराज नेताओं से बढ़ी भाजपा की मुश्किलें

नई दिल्‍ली (New Delhi)। दक्षिण भारत में भाजपा (BJP in India)के सबसे मजबूत गढ़ कर्नाटक में भाजपा (BJP in Karnataka)के कई बड़े नेताओं की नाराजगी पार्टी(outrage party) के लिए दिक्कतें खड़ी (problems arose)कर सकती हैं। पार्टी ने मौजूदा दस सांसदों को इस बार टिकट नहीं दिया। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील शामिल हैं। राज्य में पार्टी के बड़े नेता के. ईश्वरप्पा ने तो पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दुरप्पा के बेटे और मौजूदा सांसद वी. वाय राघवेंद्र के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है।

भाजपा के लिए इस लोकसभा चुनाव में सबसे अहम मिशन दक्षिण है। यहां की 131 लोकसभा सीटों में से भाजपा के पास अभी 29 सीटें हैं। इनमें 25 कर्नाटक और चार तेलंगाना में जीती थी। इस बार भाजपा दक्षिण से कम से कम 50 सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं ने दक्षिण के लगातार दौरे करने के साथ नए गठबंधन और नई रणनीति तैयार की है। इसमें कर्नाटक में अपनी ताकत को बरकरार रखना सबसे ऊपर है।

भाजपा ने कर्नाटक के दुर्ग को बचाए रखने के लिए जेडीएस के साथ तालमेल भी किया है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने राज्य की 28 में से तीन सीट हासन, कोलार एवं मंड्या जेडीएस को देने का फैसला किया है। बाकी 25 सीटों पर वह खुद लड़ेगी। भाजपा ने कर्नाटक के लिए अब तक 20 उम्मीदवारों की घोषणा की है। इनमें दस सांसदों को फिर से टिकट दिया गया है। एक की सीट बदली गई है और एक की पत्नी को टिकट दिया गया है। बाकी के टिकट काटे गए हैं। इसके बाद पार्टी में नाराजगी सामने आने लगी।

टिकट काटे जाने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा ने सक्रिय राजनीति से दूरी का ऐलान किया है। सबसे ज्यादा दिक्कत के. ईश्वरप्पा की ओर से आ रही है। ईश्वरप्पा ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दुरप्पा पर उनके बेटे को टिकट न देने का आरोप लगाया है। वह उनके बेटे वी. वाय राघवेंद्र की उम्मीदवारी का भी विरोध कर रहे हैं। ईश्वरप्पा ने राघवेंद्र के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी घोषणा की है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिमोगा में अपने कार्यक्रम में परोक्ष रूप से नाराजगी जता चुके हैं।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील भी टिकट कटने से नाराज हैं। इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में हार के बाद हाशिए पर गए पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि भी नाराज बताए जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से मिली हार के बाद भाजपा की दिक्कतें पहले से ही बढ़ी हुई हैं। अब बड़े नेताओं की नाराजगी और परेशानी बढ़ा रही है। हालांकि, पार्टी को प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और राम मंदिर से बने माहौल को लेकर काफी उम्मीदें हैं।

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