पेट्रोल-डीजल की कीमतों में करीब 2 साल के बाद हुई कमी, केवल चुनाव ही नहीं है इसकी वजह

नई दिल्‍ली (New Dehli ) सरकारी तेल (government oil)विपणन कंपनियों (marketing companies)ने करीब 22 महीनों के बाद पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel)के दाम दो रुपये घटाकर आम लोगों को राहत (relief to people)देने की कोशिश की है। माना जा रहा है कि यह कदम आम चुनाव की तारीखों का ऐलान करीब होने के बीच उठाया गया है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें करीब दो साल से स्थिर बनी हुई थीं।

मई 2022 से नहीं बदले दाम

पेट्रोल-डीजल की कीमतें मई 2022 से नहीं बदली हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने से उस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के पार निकल गई थी। हालांकि, तब केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटाकर आम लोगों को राहत दी थी। सरकार ने पेट्रोल पर प्रति लीटर आठ रुपये और डीजल पर छह रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाई थी।

तेल कंपनियां कमा रहीं मुनाफा

रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने जनवरी 2024 में पेट्रोल पर 11 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर छह रुपये प्रति लीटर का मुनाफा कमाया है। सितंबर, 2023 के पहले तेल कंपनियों की स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन सितंबर, 2023 के बाद से पेट्रोल पर और नवंबर 2023 से डीजल पर मार्जिन सुधरा है। सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल पर चार महीने से और डीजल पर पिछले दो महीने से बढ़िया मुनाफा कमा रही हैं।

कंपनियों पर था कटौती का दबाव

प्रमुख सरकारी तेल कंपनियों की देश में बिकने वाले कुल पेट्रोल-डीजल की बाजार हिस्सेदारी करीब 90 फीसदी है। इन कंपनियों ने पिछले 22 महीनों से पेट्रोल-डीजल के दाम में लगभग कोई बदलाव नहीं किया है।

अब इन पर कटौती का दबाव इसलिए भी था, क्योंकि वे जिस नुकसान की बात कर रही थीं, उसकी भरपाई हो चुकी है और मुनाफे में आ गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल में नरमी के बाद भी कंपनियों ने दाम नहीं घटाए थे, इस वजह से भी इन पर कटौती का दवाब बना हुआ था।

कई देशों से खरीदा सस्ता तेल

कई देशों के पेट्रोल और डीजल के दामों का जिक्र करते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा की भारत में पेट्रोलियम पदार्थो के दाम में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है, बल्कि कम हुए हैं।

क्योंकि, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से सस्ता तेल खरीदने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारत 27 देशों से कच्चा तेल खरीदता था, अब भारत 39 देशों से कच्चा तेल खरीद रहा है, ताकि लोगो को कम कीमत पर पेट्रोल-डीजल उपलब्ध करा सकें।

अन्य देशों से की तुलना

सोशल मीडिया मंच एक्स पर हरदीप पुरी ने लिखा, 14 मार्च 2024 को रुपये के आधार पर भारत में पेट्रोल औसतन ₹94 प्रति लीटर है, लेकिन इटली में ₹168.01- यानी 79% अधिक, फ्रांस में ₹166.87 यानी 78% अधिक, जर्मनी में ₹159.57 यानी 70% अधिक और स्पेन में ₹145.13 यानी 54% अधिक है। इसी तरह भारत की डीजल की औसत ₹87 प्रति लीटर है तो इटली में ₹163.21 यानी 88% अधिक, फ्रांस में ₹161.57 यानी 86% अधिक, जर्मनी में ₹155.68 यानी 79% अधिक और स्पेन में ₹138.07 यानी 59% अधिक है।

दाम घटने के ये पांच प्रमुख कारण

1. कच्चे तेल के दाम में आई नरमी
2. प्रमुख तेल कंपनियों ने मुनाफा कमाया

3. सरकार ने डीजल पर विंडफॉल टैक्स घटाया
4. घरेलू एलजीपी सिलेंडर की कीमतों में कटौती

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने एक बार फिर साबित कर दिया कि करोड़ों भारतीयों के अपने परिवार का हित और सुविधा सदैव उनका लक्ष्य है। महाकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता का उल्लेख करते हुए हुए उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता दर्शाता है।

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