लगातार बढ़ रहे मुंह के कैंसर के मामलों में आयुर्वेद से राहत

  • मुंह के कैंसर से बचाव, इलाज और परहेज बताने के लिए 30 दिन तक जागरण अभियान

इन्दौर। शहर में लगातार बड़ी तेजी से बढ़ रहे मुंह के कैंसर के मामलों में शहरवासियों को इस जानलेवा खतरनाक बीमारी से सावधान करने के लिए अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज पूरे देश की तरह इंदौर में भी अप्रैल माह को ओरल कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाता है। इस माह के 30 दिनों तक जागरण अभियान चलाकर इससे बचाव, इलाज और परहेज के बारे में जानकारी दी जाती है। कैंसर विशेषज्ञ डाक्टर्स का कहना है कि यह जानलेवा बीमारी होती तो एक को है, मगर इसका इलाज कराने में पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है। इसलिए हमें उन वजहों से सावधान रहना चाहिए, जिसके कारण लोग कैंसर की चपेट में आ जाते हैं।

इंदौर अष्टांग आयुर्वेद कॉलज के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर अखलेश भार्गव का कहना है कि देश सहित इंदौर में सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर के मरीज बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसकी मुख्य वजह तमाखू है। फिर चाहे तमाखू का गुटका हो या सिगरेट। इसकी वजह से मुंह के कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे है ं। इसकी वजह से इसके मरीजों मौतें की संख्या बढ़ रही है। मरता तो कैंसर का एक मरीज है, मगर उसका पूरा परिवार धीरे-धीरे किस्तों में मरता रहता है। इसलिए हमें धूम्रपान सहित तमाखू से सम्बंधित हर नशे से दूर रहना चाहिए। इसके लक्षण दिखते ही तत्काल इसकी जांच और इलाज शुरू कर देना चाहिए। इस जानलेवा बीमारी का जितना जल्दी पता लगता है या जितनी जल्दी इलाज शुरू होता है तो इससे जान बचने की संभावना बढ़ जाती है।

पूरे विश्व में तंबाकू सेवन करने वालों में हम नंबर दो
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 25 करोड़ से अधिक लोग सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, गुटखा, पान मसाला किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। पूरे विश्व में धूम्रपान करने वाले लोगों की 12त्न आबादी भारत में है, तंबाकू से संबंधित बीमारियों से लगभग 50 लाख लोग प्रतिवर्ष मारे जाते हैं। जिनमें करीब डेढ़ लाख महिलाएं हैं।भारत पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर है, जहां सबसे अधिक धूम्रपान किया जाता है। हर दिन लगभग 2500 लोगों की धूम्रपान से मौत होती है। एक सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट कम हो जाते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी बयान के अनुसार शहरी क्षेत्रों में 6 प्रतिशत महिलाएं एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 12 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू से बने उत्पादों का सेवन करती हैं। महिलाओं में अधिक धूम्रपान का कारण स्तन कैंसर के रूप में भी देखा जा रहा है

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