Rishi Kapoor Birth Anniversary: ऋषि कपूर पहली ही फिल्‍म से बन गए थे सुपरस्टार

मुंबई (Mumbai)। बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर ऋषि कपूर (Rishi Kapoor ) का आज 71वां जन्मदिन (Birth Anniversary) हैं! एक्टर ने मेरा नाम जोकर से फिल्मी दुनिया में कदम रखा था, लेकिन उन्हें असली पहचान फिल्म बॉबी (movie bobby) से मिली। यही कारण है कि ऋषि कपूर को उनकी दमदार अदाकारी के लिए आज भी याद किया जाता है। वह भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वह फैंस के दिलों में आज भी जिंदा हैं।

बॉलीवुड दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर को भला कौन नहीं जानता। उन्होंने एक से बढ़कर एक कई बेहतरीन फिल्में की हैं। एक दौर था जब उनकी फिल्मों का फैंस बेसब्री से इंतजार करते थे। ऋषि बॉलीवुड के सफल निर्माता, अभिनेता और निर्देशक थे। उनकी फिल्मों को आज भी खूब पसंद किया जाता है। उन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग की बदौलत दर्शकों को दिल में खास जगह बनाई थी। उनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता। भले ही वह आज हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनकी फिल्मों को जरिए उनके होने का एहसास हमेशा होता रहेगा। आज ऋषि कपूर की बर्थ एनिवर्सरी है।

ऋषि कपूर का 4 दिसंबर 1952 में हिंदी फिल्मों के स्टार राज कपूर के घर हुआ था। फिल्मी माहौल में पले-बढ़े ऋषि ने बहुत कम उम्र में ही एक्टिंग की शुरुआत कर दी थी। फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में वह चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में नजर आए थे। इस फिल्म में छोटा सा रोल निभाने के बाद से ही उनका फिल्मी सफर शुरु हो चला था। जब ऋषि मुंबई के कैम्पियन स्कूल में पढ़ रहे थे, उनके पिता राज कपूर ने फिल्म मेरा नाम जोकर में उन्हें अपने बचपन का रोल दिया। जब ऋषि शूटिंग के लिए स्कूल नहीं जाते थे तो उनके अध्यापकों को ये बात बहुत अखरती। नतीजा ये हुआ कि उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया और राज कपूर को अपने बेटे को दोबारा स्कूल में दाखिल कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा।

इस फिल्म के लिए ऋषि कपूर को सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। बाद में उन्होंने अपनी आत्मकथा खुल्लम खुल्ला में लिखा था, “जब मैं मुंबई लौटा तो मेरे पिता ने उस पुरस्कार के साथ मुझे अपने दादा पृथ्वीराज कपूर के पास भेजा। मेरे दादा ने वो मेडल अपने हाथ में लिया और उनकी आंखें भर आईं। उन्होंने मेरे माथे को चूमा और भरी हुई आवाज में कहा, ‘राज ने मेरा कर्जा उतार दिया।”

ऋषि कपूर को उनके असली नाम के साथ-साथ निक नेक ‘चिंटू’ से भी जाना जाता था। ये नाम उन्हें उनके बड़े भाई रणधीर कपूर ने दिया था। वैसे कपूर खानदान में इस तरह स्कूल छुड़ाकर अभिनय करवाने की पुरानी परंपरा रही है। राज कपूर के भाई शम्मी कपूर ने भी अपनी पढ़ाई छोड़ कर शकुंतला फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी थी। 70 और 80 के दशक से ही चिंटू की इमेज जर्सी पहने, गाना गुनगुनाते, एक हाथ में गिटार और दूसरे हाथ में एक हसीन लड़की लिए कासानोवा की बन गई थी। अपने अभिनय करियर के आखिरी चरण में कहीं जा कर उन्होंने इस इमेज से छुटकारा पाया था और वो अलग-अलग तरह के कई किरदारों में दिखाई पड़े थे।

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