ब्रिटेन में हो रही हिंसा से तंग आ चुके हैं ऋषि सुनक ने निपटने के लिए दिए कड़े निर्देश

लंदन (London)। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (British Prime Minister Rishi Sunak) ने देश के पुलिस प्रमुखों से कहा है कि प्रदर्शन ‘भीड़ तंत्र’ में तब्दील नहीं हों, यह सुनिश्चित करने के लिए वे अपने सारे अधिकारों का इस्तेमाल करें. ब्रिटिश भारतीय नेता बुधवार को प्रधानमंत्री (PM Office) कार्यालय सह आधिकारिक निवास ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट’ में एक बैठक के बाद बोल रहे थे. बैठक के दौरान मंत्री और वरिष्ठ पुलिस प्रमुख एक नए ‘लोकतांत्रिक पुलिसिंग प्रोटोकॉल’ पर सहमत हुए.

ब्रिटेन के सांसदों के लिए बढ़ती सुरक्षा चिंताओं और इजराइल-हमास संघर्ष को लेकर ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर निकाले गए मार्च के दौरान हिंसा के बाद प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी आई है. सुनक ने कहा, “इस बात पर आम सहमति बढ़ रही है कि भीड़तंत्र लोकतांत्रिक शासन की जगह ले रहा है. हमें सामूहिक रूप से इसे तत्काल रोकना होगा.” उन्होंने कहा कि हिंसक और डराने वाले ऐसे व्यवहार की अनुमति नहीं दी जा सकती है, जिसका मकसद स्वतंत्र बहस और निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपना काम करने से रोकना है.


भारत दुनिया की एक महाशक्ति
उधर, ब्रिटेन के विपक्षी दल लेबर पार्टी ने ब्रिटिश भारतीयों से जुड़ने और भारत से संपर्क बढ़ाने के लिए नए सामुदायिक संपर्क संगठन की शुरुआत की है. लेबर पार्टी ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब दोनों देशों में आम चुनाव की तैयारियां जारी हैं. पार्टी के शैडो विदेश सचिव डेविड लैमी ने मंगलवार शाम लंदन में संसदीय परिसर में “लेबर इंडियंस” की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने अपनी हालिया यात्रा के बारे में बात की और अगले चुनाव में लेबर पार्टी के जीतने पर ब्रिटेन-भारत भागीदारी को लेकर अपनी आकांक्षाएं भी प्रकट कीं.

भारत-ब्रिटेन का मजबूत रिश्‍ता
लेबर पार्टी के नेता लैमी ने भारत को “महाशक्ति” बताते हुए कहा कि भारत के रणनीतिक महत्व को देखते हुए इस देश से रिश्ता दलगत राजनीति से परे है. लैमी ने कहा, “भारत उद्यमशीलता, नवोन्वेष, वैज्ञानिक, औद्योगिक और जनसंख्या के आधार पर एक महाशक्ति है.” उन्होंने कहा, “बेशक, भारत के सामने अभी भी चुनौतियां हैं. लेकिन मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दौर में यह बेहद अहम है कि ब्रिटेन यह समझे कि भारत दुनिया की एक महाशक्ति है. इससे वास्तव में कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारत का प्रधानमंत्री कौन है, ब्रिटेन का प्रधानमंत्री कौन है क्योंकि अलग-अलग राजनीतिक स्थिति के बावजूद, हमारे बीच बहुत मजबूत संबंध हैं.”

Leave a Comment