293 करोड़ में भरे जाएंगे सड़कों के गड्ढ़े

  • पीडब्ल्यूडी ने प्रथम अनुपूरक बजट में अतिरिक्त राशि देने का तैयार किया प्रस्ताव

भोपाल। प्रदेश में अतिवर्षा और बाढ़ से तीन हजार किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कई सड़कों को नए सिरे से बनाना होगा। इसके लिए 293 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। लोक निर्माण विभाग ने अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित सड़कों का आकलन कराया है। सितंबर से सड़कों के नवीनीकरण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। विभाग ने अतिरिक्त राशि की आवश्यकता को देखते हुए प्रथम अनुपूरक बजट के लिए प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भेज दिया है। उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छह सितंबर को विभागीय समीक्षा करेंगे। इसमें सड़क, पुल और पुलिया के संधारण कार्य को लेकर कार्ययोजना प्रस्तुत की जाएगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में सड़कें अधिक क्षतिग्रस्त हुई हैं। कुल तीन हजार किलोमीटर की 290 सड़कें क्षतिग्रस्त होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इसमें से 594 किलोमीटर सड़कें ऐसी हैं, जहां तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है। इसके लिए 32 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। विभाग ने सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि जहां भी मरम्मत करने से काम चल सकता है, वहां प्राथमिकता के आधार पर काम कराया जाए। दो हजार 613 किलोमीटर सड़कों के नवीनीकरण का काम सितंबर से प्रारंभ किया जाएगा। वहीं, जो 351 पुलियां क्षतिग्रस्त हुई हैं, उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि आगे कोई समस्या न आए। सेतु परिक्षेत्र के इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि वर्षा रुकने के बाद पुल-पुलियों का निरीक्षण कराया जाए।


फसल क्षति आकलन के लिए कराया जा रहा सर्वे
उधर, राजस्व विभाग फसलों को हुई क्षति का आकलन कराने के लिए प्रदेशभर में सर्वे करा रहा है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रविधान अनुसार आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। सर्वे राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों का संयुक्त दल कर रहा है। इसका पंचनामा बनाकर पंचायत कार्यालय में सूची भी चस्पा की जाएगी ताकि किसी का नाम छूट गया हो तो वो आवेदन कर सके। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कृषि विभाग प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत दावा भी प्रस्तुत करेगा। इस बार फसल बीमा के लिए 74 लाख 13 हजार 968 आवेदन आए थे। अतिवर्षा से सोयाबीन, मूंग, उड़द, तुअर, सब्जी सहित अन्य फसलों को नुकसान हुआ है। कई जगह धान की फसल भी प्रभावित हुई है।

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