भारत-रूस रिश्तों पर सीनेट की समिति ने उठाया सवाल, ब्लिंकन ने दिया यह जवाब

नई दिल्ली। यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर अमेरिका समेत कई देशों द्वारा लगाई गई पाबंदी के बावजूद भारत अपने इस खास मित्र के साथ व्यापार कर रहा है। भारत-रूस के इसी दोस्ताने को लेकर अमेरिका समेत कई देशों में बार-बार सवाल उठ रहे हैं। अब अमेरिकी सीनेट की एक उपसमिति में रूस के प्रति भारत के रवैये को लेकर फिर सवाल उठा। इस पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने फिर इस दोस्ती की अहम वजह बताई।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने ब्लिंकन ने विदेश मामलों पर अमेरिकी सीनेट की विनियोग उपसमिति की सुनवाई के दौरान कहा कि भारत और रूस की दोस्ती जरूरत से उभरी पसंद के कारण उस वक्त हुई, जब अमेरिका नई दिल्ली का साझेदार बनने की स्थिति में नहीं था। ब्लिंकन ने यह भी कहा कि अमेरिका अब भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए काम कर रहा है, इसलिए दोनों देशों के बीच रणनीतिक भागीदारी बढ़ रही है।

सीनेटर विलियम हैगेर्टी ने सुनवाई के दौरान भारत-अमेरिका के रिश्तों को लेकर ब्लिंकन की राय मांगी थी। उनके सवाल का इशारा समझते हुए ब्लिंकन ने विस्तार से पक्ष रखा। यूक्रेन जंग के बाद अमेरिका व नाटो समेत कई देशों ने रूस पर कठोर पाबंदियां लगा दी हैं, लेकिन इसके बावजूद भारत ने रूस से अपने व्यापारिक व अन्य रिश्ते नहीं तोड़े हैं। भारत के इस रवैए को लेकर अमेरिका में लगातार सवाल उठ रहे हैं।

अमेरिका-भारत साझेदारी महत्वपूर्ण
ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका व भारत की साझेदारी में सबसे महत्वपूर्ण और मूलभूत साझेदारियों में से एक होने की क्षमता है जिसे हम अगले दशकों में आगे बढ़ा रहे हैं। दरअसल यह कई अमेरिकी सरकारों की सफलता की कहानी है। यह बुश प्रशासन से लेकर क्लिंटन प्रशासन के अंत तक पहुंचना की कहानी है। उन्होंने क्वाड के माध्यम से अमेरिका और भारत की भागीदारी को लेकर यह बात कही। राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काफी समय बिताया है। इसी तरह ब्लिंकन ने भी विदेश मंत्री जयशंकर के साथ गहन चर्चा की है। क्वाड को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें निसंदेह चीन भी बड़ा मुद्दा है।

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