सेक्स एजुकेशन अमेरिका में बना राजनीतिक मुद्दा

वाशिंगटन। अमेरिकी राज्य अरिजोना(US State of Arizona) में यौन शिक्षा(Sex education) का सवाल एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। अरिजोना के गवर्नर डग डुसे (Arizona Governor Doug Duce) यहां पारित हुए एक विधेयक पर दस्तखत करने वाले हैं, जिसके बाद माता-पिता को ये अधिकार मिल जाएगा कि वे चाहें तो वैसी क्लास से अपने बच्चों को अलग रखें, जिनमें एड्स, ‘लैंगिक पहचान’ और ‘यौन रूझान’ जैसे विषय पढाए जाएंगे। लेकिन विरोधियों का कहना है कि राज्य प्रशासन की ये सोच समलैंगिक और ट्रांसजेंडर समुदायों (LGBTQ) के खिलाफ है।
गुरुवार को अरिजोना राज्य में LGBTQ के अधिकारों के समर्थकों ने एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया। उन्होंने गवर्नर से मांग की कि वे राज्य की विधायिका से पारित बिल पर दस्तखत ना करें। इस बिल में यह प्रावधान भी है कि जिन क्लास में समलैंगिकता का इतिहास पढ़ाया जाएगा, उससे भी माता-पिता अपने बच्चों को अलग रख सकते हैँ। गौरतलब है कि अरिजोना राज्य में रिपब्लिकन पार्टी सत्ता में है, जो कंजरवेटिव विचारों के मुताबिक चलती है। डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस बिल का विरोध किया है।


बिल के विरोधियों के कहना है कि इसके कानून बन जाने पर LGBTQ बच्चों के लिए स्कूलों में असहज स्थिति पैदा होगी। ऐसे बच्चे पहले से हाशिये पर रहते हैं। नया कानून लागू होने पर उनको सरकारी संसाधनों से और दूर कर दिया जाएगा। प्रगतिशील सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि ये कानून परोक्ष रूप से समलैंगिकता विरोधी है। जबकि रिपब्लिकन पार्टी की दलील है कि बच्चे क्या पढ़ें यह तय करना स्कूल का नहीं, बल्कि माता-पिता का अधिकार है। अरिजोना राज्य के सीनेट की रिपब्लिकन सदस्य नैंसी बार्डो ने कहा- यौन विषयों के बारे में जानने के लिए बच्चा कब तैयार है और उसे क्या जानना चाहिए, इन मामलों में ये बिल माता-पिता के अधिकारों का संरक्षण करता है। इसके पहले 2019 में अरिजोना में ऐसी किसी यौन शिक्षा पर रोक लगा दी गई थी, जिसमें समलैंगिकता को सकारात्मक रूप से पेश किया जाता हो।
ऐसे कानूनों के विरोधियों का कहना है कि जिस समय अरिजोना राज्य के लोगों की सोच बदल रही है, ऐसे कानून पुरानी धारणाओं को लोगों पर थोप रहे हैं। अरिजोना 1990 के दशक से रिपब्लिकन पार्टी का गढ़ रहा है। यहां गुजरे तीस साल में कभी डेमोक्रेटिक पार्टी नहीं जीती थी। लेकिन 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में यहां से डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन जीते। विश्लेषकों का कहना है कि ऐसा इसलिए संभव हुआ, क्योंकि जनसंख्या संबंधी परिवर्तनों के कारण राज्य की आबादी में प्रगतिशील सोच वाले लोगों की संख्या बढ़ी है।
पिछले चुनाव के बाद अमेरिका में दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच अपने-अपने गढ़ में अपनी सोच के मुताबिक कानून बनाने की लहर आ गई है। समाजशास्त्रियों ने इसे ‘संस्कृति युद्ध’ कहा है। अरिजोना में अब समलैंगिकता विरोधी जैसे बिल को पास किया गया है, वैसा कई और राज्यों में हुआ है। इसी महीने टेनेसी और इडाहो राज्यों में ऐसा ही विधेयक पारित किया गया। मोंटाना राज्य भी ऐसा कानून बना चुका है, जबकि मिसौरी राज्य में इस दिशा में कोशिश शुरू हो गई है।
रिपब्लिकन पार्टी काफी समय से ये आरोप लगाती रही है कि अमेरिकी स्कूलों में समलैंगिक और ट्रांसजेंडर ‘विचारधारा’ की घुसपैठ हो गई है। इसलिए वो जहां सत्ता में है, वहां इन समुदायों के खिलाफ कानून बनाने में जुटी रही है। कई राज्यों में ट्रांसजेंडर महिलाओं के एथलेटिक्स टूर्नामेंट में महिला श्रेणी में भाग लेने पर रोक लगा दी गई है। कुछ राज्यों में डॉक्टरों पर ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के सेक्स चेंज करने पर रोक लगा दी गई है।

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