Share Market: बजट से पहले शेयर मार्केट ने क्यों भरा फर्राटा? सेंसेक्स-निफ्टी में उछाल की ये हैं सात वजह

नई दिल्‍ली (New Dehli)। बजट (Budget)सप्ताह में पहले दिन सोमवार को शेयर मार्केट (Share Market)में तेजी का तूफान मचा। दो दिन बाद अंतरिम बजट पेश (interim budget presented)किया जाना है। उससे पहले ही शेयर मार्केट में जोरदार देखने को मिली। मार्केट खुलने के साथ ही सेंसेक्स और निफ्टी रॉकेट की रफ्तार से भागने लगे। एशिया के अन्य मार्केटों में तेजी के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज में भारी खरीदारी के साथ सेंसेक्स जहां 1,241 अंक मजबूत हुआ, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 21,700 अंक के आंकड़े को पार कर गया।

रिलायंस का शेयर 6.80% चढ़ा: सोमवार को कारोबार के दौरान रिलायंस के शेयर ने 2,905 रुपए का स्तर छुआ। ये इसका अब तक का सर्वाधिक स्तर है। वहीं इसके बाद इसका शेयर थोड़ा नीचे आया और ये 183.95 (6.80%) रुपए की बढ़त के साथ 2,890.10 रुपए पर बंद हुआ। इस बढ़त के बाद कंपनी का मार्केट पूंजीकरण 19.55 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। ओएमजीसी के शेयर में आज 8.89% और अडानी एंटरप्राइजेज 5.79% की बढ़त के साथ बंद हुआ।

निवेशकों पर 6 लाख करोड़ की बारिश: सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही डेढ़ फीसदी से अधिक के उछाल के साथ बंद हुए हैं। मार्केट की इस शानदार तेजी में बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट पूंजीकरण करीब 6.06 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया। निफ्टी के 50 में से 40 और सेंसेक्स के 30 में से 25 शेयर हरे निशान के साथ बंद हुए। निफ्टी के एफएमसीजी सूचकांक को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए।

473 शेयर एक साल के उच्चस्तर पर: जानकारी के मुताबिक सेंसेक्स पर 4061 शेयरों में लेन-देन हुआ जिसमें से 2262 में तेजी रही, 1659 में गिरावट आई और 140 में कोई बदलाव नहीं हुआ। वहीं 473 शेयरों ने एक साल का उच्चस्तर छू लिया और 26 शेयर एक साल के निचले स्तर पर आ गए। इसके अलावा 11 शेयर अपर सर्किट पर चले गए तो 4 शेयर लोअर सर्किट पर आ गए।

मार्केट में तेजी की 7 वजह

रिलायंस और एचडीएफसी बैंक जैसे ज्यादा वेटेज वाले शेयरों में तेजी
वैश्विक मार्केटों में तेजी के कारण भारतीय मार्केट चढ़े
हालिया बिकवाली से गुणवत्ता वाले शेयर सस्ते में खरीदने का मौका मिला
अंतरिम बजट के आसपास उम्मीद का माहौल
हालिया नतीजों के कारण निवेशकों के बीच विश्वास कायम
आरबीआई ने एलआईसी को एचडीएफसी बैंक में हिस्सा बढ़ाने की मंजूरी दी
अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद

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