संसद में पांच साल एकदम ‘खामोश’ ही रहे शत्रुघ्न सिन्हा और सनी देओल

नई दिल्‍ली (New Delhi)। मेज थपथपाना (pat the table), बिल लाना, चर्चा बढ़ना, बहस करना जैसी कई गतिविधियों की गवाह संसद बनती है। इसमें कुछ नया भी नहीं है और अधिकांश सांसद इसमें शामिल भी नजर आते हैं। अब इनमें कुछ सदस्य ऐसे भी हैं, जो बहस तो दूर की बात, बल्कि चुप्पी साधे बैठे रहते हैं। इनमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) से सांसद सनी देओल से लेकर तृणमूल कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Singh of Trinamool Congress) तक का नाम शामिल है।

कहा जा रहा है कि ऐसे सांसदों की संख्या करीब 9 है, जो पूरे 5 सालों के कार्यकाल के दौरान सदन को एक बार भी संबोधित नहीं कर सके। गुरदासपुर से सांसद देओल का नाम भी इस सूची में है, हालांकि, असनसोल सांसद सिन्हा कुछ मौकों पर संसद में नजर भी आए। साथ ही वह विपक्षी सांसदों की तरफ से किए जा रहे प्रदर्शनों का हिस्सा भी बने।


चुप्पी में उस्ताद हैं ये सांसद
सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होने वाले सांसदों में बीजापुर से भाजपा सांसद रमेश चंद्रप्पा जीगाजिनागी, बहुजन समाज पार्टी से अतुल राय, टीएमसी के दिब्येंदु अधिकारी और भाजपा से ही प्रधान बरुआ, बीएन बचे गौड़ा, अनंत कुमार हेगड़े और वी श्रीनिवास प्रसाद का नाम शामिल है।

ओम बिरला कर रहे हैं प्रयास
खबर है कि लोकसभा स्पीकर बनने के बाद से ही ओम बिरला ने पहली बार बने सांसदों की सूची तैयार की थी। उन्होंने सभी को कम से कम एक बार सदन में बोलने के लिए प्रेरित भी किया था। हालांकि, उनके तमाम प्रयासों के बाद भी ऐसे कई सांसद रहे, जो साल 2019 से लेकर 2024 के बीच संसद में एक भी भाषण नहीं दे सके।

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