नई दिल्ली। सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) ने कुछ वक्त पहले ही राजनीति में कदम रखा था। वे कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की टिकट पर पंजाब (Punjab) के मानसा विधानसभा सीट (Mansa Assembly seat) से चुनाव मैदान में उतरे थे, हालांकि वे जीत नहीं पाए थे. वे नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के करीब थे। पंजाबी सिंगर (punjabi singer) के निधन की खबर से उनके फैंस और करीबियों को गहरा धक्का लगा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिद्धू मूसेवाला पर पंजाब के मानसा जिले के एक गांव में गोली मारी गई थी. जब उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने उनके निधन की पुष्टि कर दी. पंजाब के मूस वाला गांव के रहने वाले सिद्धू मूसेवाला का पूरा नाम शुभदीप सिंह सिद्धू था. उनका जन्म 17 जून 1993 को हुआ था.
कॉलेज के दिनों में संगीत की ओर बढ़ा रुझान
सिद्धू मूसेवाला बतौर सिंगर अपने गैंगस्टर रैप के लिए जाने जाते थे. सिंगर के पिता सेना में अधिकारी थे, जबकि मां चरण कौर गांव में सरपंच के तौर पर सक्रिय हैं. सिद्धू मूसेवाला जब इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, तब उन्होंने म्यूजिक की ओर कदम बढ़ाए. उन्होंने बाद में कनाडा का रुख किया।
गन कल्चर को बढ़ावा देने का लगा आरोप
सिद्धू पर गन कल्चर को बढ़ावा देने का आरोप लगा था. वे अपनी सिंगिंग की वजह से तब विवादों से घिर गए थे, जब साल 2019 में ‘जट्टी जियोने मोड़ दी बंदूक वारगी’ रिलीज हुआ था. इस गाने में सिख योद्धा माई भागो का जिक्र था, जिसकी वजह से विवाद बढ़ गया था. हालांकि, सिद्धू मूसेवाला ने इसके लिए माफी भी मांगी थी।
सिद्धू ने जब राजनीति में आजमाया हाथ
सिद्धू मूसेवाला ने 2021 के आखिर में राजनीति में कदम रखा था. उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय नवजोत सिंह सिद्धू को जाता है. कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताते हुए मानसा से टिकट देकर विधानसभा चुनावों में उतारा था. वे चुनाव जीत नहीं सके और आम आदमी पार्टी के नेता विजय सिंगला से 60 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हार गए थे।
न कमांडो लेकर गए, न ही बुलेट प्रूफ गाड़ी: डीजीपी भावरा
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस पर पंजाब डीजीपी वीके भावरा ने बड़ी जानकारी सार्वजनिक की है। उन्होंने कहा कि मूसेवाला की सुरक्षा पूरी तरह हटाई नहीं गई थी। उनके पास चार पुलिसकर्मियों की सुरक्षा थी, जिसमें से दो कमांडो हटाए गए थे। लेकिन घटना वाले दिन वो अपने साथ दो कमांडो लेकर नहीं गए। इसके अलावा न ही वो अपने पास मौजूद बुलेट प्रूफ गाड़ी लेकर निकले। डीजीपी ने बताया कि इस हमले की जिम्मेदारी बिश्नोई गैंग ने ली है। हत्या की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस पर पंजाब डीजीपी वीके भावरा ने प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह शामिल है। गिरोह के सदस्य लकी ने कनाडा से जिम्मेदारी ली है।
सुरक्षा में दो कमांडो थे लेकिन नहीं ले गए अपने साथ
डीजीपी ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला के पास से पुलिस सुरक्षा पूरी तरह से नहीं हटाई गई थी। उनके पास पंजाब पुलिस के 4 कमांडो थे, जिनमें से 2 को वापस ले लिया गया था, लेकिन उसके पास दो कमांडो थे जिन्हें मूसेवाला आज घटना वाले दिन अपने साथ नहीं ले गए। भावरा ने आगे कहा कि मूसेवाला के पास बुलेट प्रूफ गाड़ी भी थी, लेकिन वो गाड़ी भी वो अपने नहीं ले गए।
तीन हथियारों का हुआ इस्तेमाल
डीजीपी वीके भावरा ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला पर करीब 30 राउंड फायर की गई थी। इसके अलावा तीन हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमलावर तीन हो सकते हैं।
क्यों हुई थी हत्या
8 अगस्त 2021 को मोहाली में दिन दहाड़े विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या हुई थी। विक्की पंजाब के गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई का बेहद करीबी था। हत्याकांड में सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर का नाम सामने आया था। पुलिस मैनेजर तक पहुंच पाती उसके पहले ही वो भारत से फरार हो गया। पंजाब पुलिस ने सिद्धू के मैनेजर के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया हुआ है। माना जा रहा है बिश्नोई गैंग ने विक्की की हत्या का बदला लेने के लिए सिद्धू मूसेवाला का मर्डर करवाया।
एसआईटी का गठन
पंजाब डीजीपी ने आगे कि हत्याकांड को लेकर पंजाब पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इसके लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। जल्द ही इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
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