बिहार में बड़ा हादसा: देश का सबसे बड़ा निर्माणाधीन पुल गिरा; 40 लोग दबे, एक शव निकाला

पटना। बिहार (Bihar) के सुपौल जिले में आज सुबह बड़ा पुल हादसा हो गया। कोसी नदी (Kosi River) पर बन रहे बकौर पुल का बड़ा हिस्सा टूट कर नीचे गिर गया है। जिसमें एक शख्स की मौत हो गई। और 9 लोग घायल हो हुए हैं। स्लैब के नीचे 40 से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है। आपको बता दें कि यह देश का सबसे बड़ा निर्माणाधीन पुल है।

सुपौल के डीएम (DM) ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना सुबह साढ़े 7 बजे की है। जिसमें 9 लोग घायल हुए हैं। और एक की मौत हुई है। मृतक को 10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। और घायलों की भी मदद की जाएगी। और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। एनडीआरएफ (NDRF) और स्थीनीय पुलिस की टीम लगी हुई है। हादसे की वजह जांच का विषय है।

घटनास्थल से मिल रही जानकारी के मुताबिक, तीन पिलर के गार्टर गिरने से ये बड़ा हादसा हुआ है। पिलर नंबर 50, 51 और 52 का गार्टर नीचे गिर गया। घटना में घायल हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाने का काम जारी है। स्थानीय लोग पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे है। उनकी मानें तो करीब 40 लोगों के दबे होने की आशंका है। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची है। रेस्क्यू ऑपरेशन (rescue operation) शुरू किया जा चुका है।

आपको बता दें बकौर पुल देश का सबसे लंबा निर्माणाधीन सड़क पुल है। जो करीब 1200 करोड़ की लागत से बन रहा है। 10.2 किलोमीटर लंबे महासेतु का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इस पुल का दिसंबर 2024 तक पूर्ण निर्माण होना है। पुल का निर्माण दो एजेंसी कर रही हैं, जिसमें गैमन इंडिया एवं ट्रांस रेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल है। ये केंद्र सरकार की बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है। सुपौल के बकौर और मधुबनी जिले के भेजा के बीच इस का निर्माण हो रहा है। लेकनन पुल हादसे के बाद से निर्माण एजेंसियों पर सवाल खड़े हो गए हैं।

भागलपुर में पिछले साल गिरा था पुल

बिहार के भागलपुर में जून 2023 में निर्माणाधीन पुल भरभराकर गिर गया था. खगड़िया -अगुवानी- सुल्तानगंज के बीच बन रहे पुल के टूटने का वीडियो सामने आया था, जिसमें नजर आया कि देखते ही देखते पूरा पुल गंगा नदी में समा गया. हैरानी की बात ये थी कि 2 साल पहले भी इस पुल का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया था. 2014 में सीएम नीतीश कुमार ने इस पुल का शिलान्यास किया था. इस पुल की कुल लागत 1717 करोड़ रुपए थी. इस निर्माणाधीन पुल के कुछ हिस्से को अप्रैल में आंधी के कारण भी नुकसान पहुंचा था.

बिहार में इस तरह की घटनाओं पर एक नजर…

  • 15 मई 2023 को पूर्णिया में ढलाई के दौरान एक बॉक्स ब्रिज भरभरा कर गिर पड़ा था. घटना बायसी प्रखंड के चंद्रगामा पंचायत के मिलिकटोला हाट के सलीम चौक की थी. फरवरी महीने में ही बायसी के खपड़ा से 1 करोड़ 14 लाख की लागत से बन रहे एक पुल के ढहने का मामला सामने आया था. इस घटना में दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे. फिर 3 महीने के भीतर यह पुल फिर जमींदोज हो गया.
  • सहरसा जिले में भी जून 2022 में सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर एक निर्माणाधीन पुल गिर गया था. वह पुलिस 147 लाख रुपये की लागत से बनना था. तब विभाग का कहना था कि ठेकेदार को सेंटरिंग बदलने को कहा गया था. लेकिन आनन-फानन में ठेकेदार ने पुल की ढलाई कर दी.
  • यही नहीं, उससे भी पहले सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का सेगमेंट ढह गया था, जिसे लेकर कहा गया कि आंधी-पानी की वजह से पुल क्षतिग्रस्त हुआ. उससे पहले श्री कृष्ण सेतु का एप्रोच पथ धंस गया था. वहीं गोपालगंज के पुल को भी नहीं भुलाया जा सकता. जिसके उद्घाटन के कुछ दिन बाद ही एप्रोच पथ नदी की तेज धारा में बह गया था. इन सभी घटनाओं ने राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ देशभर में सुर्खियां बटोरी थीं.
  • जुलाई 2022 में, बिहार के कटिहार जिले में एक निर्माणाधीन प्रबलित सीमेंट कंक्रीट (RCC) पुल गिरने से 10 मजदूर घायल हो गए थे. कटिहार के दो ब्लॉक समेली और बरारी को जोड़ने के लिए कोसी नाले पर पुल का निर्माण एक करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा था. 2021 में ही इसकी आधारशिला रखी गई थी.
  • इसके पहले किशनगंज, सहरसा और भागलपुर में निर्माणाधीन पुल उद्घाटन से पहले ही ढह गए थे.

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