चुनाव प्रचार के लिए सोशल मीडिया बना अहम हथियार, इंस्टाग्राम पर कांग्रेस बनी पहली पसंद, YouTube व्यूज में AAP आगे

नई दिल्ली: डिजिटल होती दुनिया (world going digital) में चुनाव अब सिर्फ जमीन पर ही नहीं लड़े जाते हैं, बल्कि सोशल मीडिया (social media) पर भी लड़े जाते हैं. 2014 से तो चुनाव प्रचार के लिए सोशल मीडिया अहम हथियार बन गया है. ऑनलाइन कैंपेन (online campaign) से जनता का मूड और जमीनी हकीकत की तस्वीर भी लगभग-लगभग साफ हो जाती है. तो जानते हैं कि इस चुनावी सीजन में सोशल मीडिया का किंग कौन है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस टीम (OSINT) ने बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सोशल मीडिया पेज और अकाउंट्स की ग्रोथ का एनालिसिस किया. इनके साथ ही इन राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के जनवरी, फरवरी और मार्च के आंकड़ों का एनालिसिस भी किया.

एनालिसिस से पता चलता है सोशल मीडिया पर बीजेपी का दबदबा कायम है और इसकी ग्रोथ बाकी पार्टियों पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है. हालांकि, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर नए यूजर्स को जोड़ने में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, बीजेपी से आगे रहीं. ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इस समय लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. लेकिन बाकी पार्टियों के मुकाबले टीएमसी की सोशल मीडिया पर उपस्थिति काफी कम है. जबकि, तमाम बड़ी पार्टियों के नेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे आगे बढ़त बनाए हुए हैं. एलन मस्क का X (पहले ट्विटर) राजनीतिक पार्टियों के लिए ‘X’ फैक्टर भी साबित हो रहा है. इस साल अब तक हर पार्टी के फॉलोअर्स लगातार बढ़े हैं. हालांकि, जनवरी में आम आदमी पार्टी के लगभग 1200 फॉलोअर्स कम हो गए थे. एक्स पर बीजेपी ने जनवरी और फरवरी में 1.2 लाख फॉलोअर्स हर महीने जोड़े, जबकि मार्च में पार्टी के एक्स अकाउंट से 1.7 लाख नए यूजर्स जुड़े.

एनालिटिक्स फर्म सोशल ब्लेड के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी के एक्स पर जनवरी में 59 हजार, फरवरी में 70 हजार और मार्च में 1.08 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स बढ़े. वहीं, टीएमसी ने जनवरी में 1,600, फरवरी में 1,800 और मार्च में 6,400 फॉलोअर्स जोड़े. यूट्यूब पर आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. जहां तक नए सब्सक्राइबर्स जोड़ने की बात है तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के यूट्यूब चैनल पर लगातार बढ़ोतरी हुई है. जबकि, बीजेपी के यूट्यूब चैनल में लगातार गिरावट देखी गई. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के यूट्यूब चैनल ने तीन महीनों में 5.9 लाख सब्सक्राइबर्स जोड़े. पार्टी ने मार्च में 3.6 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स जोड़े. यही वो महीना था, जब दिल्ली के कथित शराब घोटाले में ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. वहीं, इस साल के तीन महीनों में बीजेपी के यूट्यूब चैनल पर 5.3 लाख और कांग्रेस के 5 लाख सब्सक्राइबर्स बढ़े. जबकि, टीएमसी के महज 28 हजार सब्सक्राइबर्स ही बढ़े.

सब्सक्राइबर्स घटने के बावजूद बीजेपी के यूट्यूब चैनल पर जारी होने वाले वीडियो पर करोड़ों व्यूज आए. तीन महीने में बीजेपी के वीडियोज पर 43 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिले. इसके बाद आम आदमी पार्टी के वीडियोज पर 30.78 करोड़ और कांग्रेस के वीडियोज पर 16.69 करोड़ व्यूज मिले. डेटा के मुताबिक, टीएमसी के यूट्यूब चैनल को 9.3 करोड़ बार देखा गया. फर्स्ट टाइम वोटर्स तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए राजनीतिक पार्टियां इस बार इंस्टाग्राम पर भी ऑनलाइन कैंपेन चला रही हैं. हाल ही में, इंडिया टुडे के एनालिसिस में पता चला था कि दिसंबर 2023 से मार्च 2024 के बीच राजनीतिक पार्टियों ने मेटा के प्लेटफॉर्म्स पर ऑनलाइन कैंपेनिंग में जितना खर्च किया, उसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी इंस्टाग्राम की थी. इस साल तीन महीनों में इंस्टा पर सबसे ज्यादा फॉलोअर्स कांग्रेस ने जोड़े. कांग्रेस के इंस्टा पेज पर तीन महीनों में 13.2 लाख फॉलोअर्स बढ़े. बीजेपी के पेज से 8.5 लाख और आम आदमी पार्टी से 2.3 लाख फॉलोअर्स जुड़े. जबकि, टीएमसी के इंस्टा पेज पर महज 6 हजार फॉलोअर्स ही बढ़े.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बाकी नेताओं के मुकाबले दबदबा कायम है. उनके मुकाबले राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी कहीं ज्यादा पीछे हैं. जनवरी से मार्च के बीच पीएम मोदी के एक्स अकाउंट पर 26 लाख नए फॉलोअर्स बढ़े. जबकि, राहुल गांधी के लगभग 5 लाख फॉलोअर्स बढ़े. इनकी तुलना में अरविंद केजरीवाल के एक लाख और ममता बनर्जी के 52 हजार फॉलोअर्स बढ़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाकी नेताओं की तुलना में एक्स पर सबसे ज्यादा एक्टिव यूजर भी हैं. तीन महीनों में उन्होंने 1,365 पोस्ट कीं. उनके मुकाबले इस दौरान राहुल गांधी ने 187 और केजरीवाल ने 270 पोस्ट ही कीं. इंस्टाग्राम पर पीएम मोदी को लगभग 8.8 करोड़ यूजर्स फॉलो करते हैं. जनवरी से मार्च के बीच उनके 52 लाख फॉलोअर्स और बढ़ गए. इसी दौरान राहुल गांधी को फॉलो करने वालों की संख्या 12 लाख और केजरीवाल के फॉलोअर्स की संख्या में 3 लाख की बढ़ोतरी हुई. यूट्यूब पर भी पीएम मोदी की लोकप्रियता कुछ कम नहीं है. तीन महीनों में पीएम मोदी के यूट्यूब वीडियोज को 47.7 करोड़ बार देखा गया. ये राहुल और केजरीवाल की कुल संख्या से दोगुने भी ज्यादा है. हालांकि, गांधी परिवार के लिए कुछ राहत की बात भी है. इन तीन महीनों में पीएम मोदी के यूट्यूब चैनल से जहां 2.4 लाख सब्सक्राइबर्स जुड़े, वहीं राहुल गांधी के चैनल से 50 लाख सब्सक्राइबर्स बढ़े.

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