एसएंडपी ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर को छह फीसदी पर रखा बरकरार

-एजेंसी ने वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर 6 फीसदी रहने का जताया अनुमान

नई दिल्ली (New Delhi)। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी (Global rating agency) स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) (Standard & Poor’s – S&P) ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारत (India) की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर (Gross Domestic Product (GDP) Growth Rate) को छह फीसदी के अपने पूर्वानुमान पर बरकरार रखा है। एजेंसी ने इसके साथ ही कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की आर्थिक वृद्धि दर सबसे अधिक होगी।

रेटिंग एजेंसी ने सोमवार को एशिया-प्रशांत के लिए जारी अपनी तिमाही आर्थिक समीक्षा में कहा कि हमारा अनुमान है कि भारत, वियतनाम और फिलीपींस की वृद्धि दर लगभग छह फीसदी रहेगी। एजेंसी ने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती के कारण चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमानों को अपरिवर्तित रखा गया है। एसएंडपी काे चालू वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा महंगाई दर घटकर पांच फीसदी रहने का अनुमान है।

रेटिंग एजेंसी का कहना है कि आरबीआई अगले साल की शुरुआत में ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। एसएंडपी ने कहा कि सामान्य मानसून और कच्चे तेल की कीमतों में कमी के चलते मुद्रास्फीति नरम पड़ेगी। एजेंसी ने वर्ष 2023 के लिए चीन की वृद्धि दर का अनुमान 5.5 फीसदी से घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया है। एसएंडपी ने पिछली वृद्धि दर का अनुमान मार्च में घोषित किया था।

उल्लेखनीय है कि इसी हफ्ते वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.3 फीसदी कर दिया है जबकि बीते वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.2 रही है।

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