सांसें रोककर काटी सारी रात

  • मिशन गोपालपुर सुबह कामयाब, मौत को पास से देखकर लौटे चारों युवकों ने सुनाई आपबीती, भोपाल से आई एनडीआरएफ ने संभाले रखा मोर्चा, होमगार्ड के साथ प्रशासनिक अफसरों की टीम अलर्ट मोड पर रही

जबलपुर। वो एक ऐसा वक्त था कि जब लग रहा था कि मौत कभी भी आ सकती है। नर्मदा नदी का बहाव थोड़ा सा और बढ़ा और कहानी खत्म…हमेशा के लिये…। पूरी रात हमने सांसें रोककर काटी। एक-एक पल मौत की दहशत हमारे जेहन को परेशान करती रही। ये उन चारों युवकों की कहानी है,जो नर्मदा नदी की चट्टानों में पूरी रात फंसे रहे। पानी का बहाव तेज होने के कारण टापू बन चुकी चट्टानों पर गुजारी एक रात इन चारों की आंखों में हमेशा जिंदा रहेगी। सुबह लौटकर इन युवकों ने किनारे खड़े अपने परिजनों से अपनी आपबीती बयान की। भेड़ाघाट के निकट गोपालपुर में नर्मदा नदी की चट्टानों में रविवार की शाम से फंसे चार युवकों को सोमवार की सुबह सुरक्षित बचा लिया गया।

सुबह आई 1अच्छी खबर
रविवार की देर शाम से लेकर पूरी रात तक हताशा और निराशाजनक खबरों के बाद सुबह अच्छी खबर आई। जब करीब 12 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद भेड़ाघाट के निकट गोपालपुर में नर्मदी नदी के बीच एक टापू (चट्टान) में फंसे चार लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। इन्हें रस्सी के सहारे बाहर निकाला गया। ये चारों मछुआरे हैं,जो कल शाम को मछली पकडऩे के लिये नदी किनारे पहुंच थे और पास ही चट्टानों पर बैठ गये, लेकिन जलस्तर बढ़ जाने के कारण फंस गये थे। एनडीआरएफ ने सेना, स्थानीय पुलिस और होमगार्ड के जवानों के साथ मिलकर रेस्क्यू मिशन को अंजाम तक पहुंचाया।

जब रेस्क्यू बोट भी बह गई
देर शाम टापू पर फंसे युवकों को बचाने के लिये तट से एनडीआरएफ की एक बोट को रवाना किया गया,लेकिन नदी का बहाव इतना तेज था कि बोट बह गयी। हालाकि, बोट में सवार तीनों जवान तैरकर वा

ड्रोन से पहुंचाया खाना और लाइफ जैकेट
अंधेरे के कारण रात के वक्त रेस्क्यू टीम ने बचाव कार्य रोक दिया था। इस दौरान टापू पर ड्रोन के माध्यम से खाना और लाइफ जैकेट पहुंचाई गयी। पूरी रात टॉर्च के जरिये युवकों को ढांढस बंधाया जाता रहा। ग्लोबल कॉलेज के छात्रों ने ड्रोन का बखूबी संचालन किया। इसमें ग्लोबल कॉलेज के अभिनव सिंह राठौर, गोविंद, राकेश और प्रतीक मिश्रा सक्रिय भूमिका में रहे।

बहाव के आगे सब बेबस
नर्मदा के बहाव के आगे सब बेबस दिखाई दिए। अत्याधुनिक संसाधनों से लैस नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की टीम सारी रात जुटी रही,लेकिन टापू तक नहीं पहुंच सकी। इसके पहले स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स(एसडीआरएफ) की टीम पहले ही हाथ खड़े कर चुकी थी।

शुक्र है बारिश नहीं हुई
रविवार की शाम को यदि बारिश हो जाती तो शायद इन मछुआरों को बचाना बेहद मुश्किल हो जाता। ये युवक जिन दो चट्टानों में फंसे थे,उनमें से एक चट्टान तो पूरी तरह से डूब जाती तब इन युवकों में बचाना बड़ी चुनौती होती।

सेना-एयरफोर्स अलर्ट रहे
हालात को देखते हुये रात को सेना को बुला लिया गया था। इसके साथ ही रायपुर एयर फोर्स की टीम को भी तैयार रहने कहा गया था। सुबह इन चारों को एयरलिफ्ट करने की योजना थी।

अधिकारी मौके पर डटे रहे
कलेक्टर सौरव के सुमन और पुलिस अधीक्षक टीके विद्यार्थी सहित अन्य अधिकारी पूरी रात मौके पर डटे रहे और रेस्क्यू टीम से अपडेट लेते रहे। चारों युवकों को सकुशल घर पहुंचाने के बाद टीम ने राहत की सांस ली।

कौन हैं ये युवक
टापू में फंसे युवक गढ़ा पुरवा के रहने वाले है, जिनके नाम मनीष केवट, संतोष, अमित और शिवम हैं। चारों युवकों ने बताया कि मछली मारते समय अचानक पत्थरों में पानी भर गया। इसके चलते फंसकर रह गए।

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