वेंटिलेटर पर प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा!

  • कर्मचारियों की कमी से जूझ रही मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी

जबलपुर। प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था वेंटिलेटर पर चल रही है। जहां एक ओर अव्यवस्थाओं से परेशान विद्यार्थी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने मजबूर हैं। वहीं प्रदेश के एकलौते विश्वविद्यालय के कुलपति भी कर्मचारियों की कमी के चलते परेशानी झेलने मजबूर हो रहे हैं। मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अशोक खंडेलवाल कर्मचारियों की कमी का दुखड़ा रो रहे हैं। आए दिन मेडिकल पाठ्यक्रम के रिजल्ट समय पर न घोषित करने को लेकर छात्रों के प्रदर्शन से परेशान हो चुके कुलपति अब सीधे सरकार पर हमला बोल रहे हैं। चर्चा के दौरान मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अशोक खंडेलवाल ने बताया कि फिलहाल विश्वविद्यालय को एके47 की जरूरत है लेकिन हाल यह है कि पुरानी 12 बोर की बंदूक से वह तेल डाल कर काम चला रहे हैं ।


उनके कहने का आशय यही था कि विश्वविद्यालय को तो आधारभूत ढांचा बिल्डिंग के रूप मे दे दिया गया लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते आज तक विश्वविद्यालय अपनी पूर्ण गति के साथ काम नहीं कर पा रहा है । एमबीबीएस, एमएस,पैरामेडिकल, होम्योपैथी समेत बीएएमएस पाठ्यक्रमों की लगभग 1 लाख छात्रों का भविष्य मेडिकल यूनिवर्सिटी पर निर्भर करता है, लेकिन सिर्फ 20 नियमित कर्मचारियों के भरोसे इतना बड़ा विश्वविद्यालय चल रहा है, जबकि जरूरत 200 से अधिक कर्मचारियों की है।

Leave a Comment