2023 में बढ़े विकसित भारत की ओर कदम, मजबूत GDP समेत आर्थिक मोर्चे पर रही कई उपलब्धियां

नई दिल्ली (New Delhi)। साल 2023 (Year Ender 2023) में भारत (India) ने जी 20 (G-20) का सफल आयोजन कर दुनिया को नई राह दिखाई। वहीं इस आयोजन के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) के सशक्त बनने का रास्ता भी साफ हुआ। इसी बैठक के दौरान भारत से यूरोप (India to Europe) तक नया स्पाइस कॉरिडोर (New Spice Corridor) या आर्थिक कनेक्टिविटी कॉरिडोर (Economic Connectivity Corridor ) बनाने पर भी सहमति बनी जो एक तरह से चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट का तोड़ है।

साल 2023 की विदाई हो रही है। इस साल भारत ने आर्थिक मोर्चे पर कई उपलब्धियां हासिल की है। साल 2023 में देश की अर्थव्यवस्था एक नए मुकाम की ओर बढ़ी है। भारत को विकासशील देश से विकसित देश बनाने की यात्रा शुरू हो गई है। वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद जीडीपी और महंगाई के मोर्चे पर साल 2023 में भारत का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। साल 2023 में भारत ने जी 20 का सफल आयोजन कर दुनिया को नई राह दिखाई। वहीं इस आयोजन के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के सशक्त बनने का रास्ता भी साफ हुआ।

भारत में आयोजित जी 20 समिट के दौरान भारत से यूरोप तक नया स्पाइस कॉरिडोर या आर्थिक कनेक्टिविटी कॉरिडोर बनाने पर भी सहमति बनी जो एक तरह से चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट का तोड़ है। हाल ही में इटली ने बीआरई प्रोजेक्ट से होने की घोषणा कर एक तरह से भारत की परियोजना के साथ अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर दी है। आइए नजर डालते हैं साल 2023 में आर्थिक मोर्चे पर भारत की उपल्ब्धियों पर।

जीडीपी की रफ्तार बनाए रखने में सफल
तमाम वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत साल 2023 में अपनी मजबूत वृद्धि दर बनाए रखने में सफल रहा है। सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर रेटिंग एजेंसी एसएंडपी के आंकड़ों से सकारात्मक से भी संदेश मिला है। एसएंडपी ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी का मानना है कि अर्थव्यवस्था के सामने पैदा होने वाले प्रतिकूल हालात की भरपाई मजबूत वृद्धि दर से होगी। ऐसे में जीडीपी के मोर्चे पर साल 2023 में भारत का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। आने वाले समय में देश की जीडीपी 6 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत के बीच बनी रह सकती है। भारत के केंद्रीय बैंक- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मौजूदा और अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। सरकार के मुताबिक मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी।

महंगाई नियंत्रण के मोर्चे पर मिली कामयाबी
महंगाई के मार्चे पर भी भारत का प्रदर्शन साल 2023 में संतोषजनक रहा। केंद्र सरकार और आरबीआई प्रतिबद्धता के साथ महंगाई दर को साल 2023 में अधिकतर समय पर आरबीआई के बैंड चार से छह प्रतिशत के बीच बनाए रखने में सफल रहा। मौसम की चुनौतियों के कारण खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण चिंता जरूर बढ़ी पर सरकार और आरबीआई के कदमों से इसे संतोषजनक दायरे में लाने में सफलता मिली। बढ़ती महंगाई को देखते हुए आरबीआई ने रेपो रेट को शुरुआत में बढ़ाकर 6.5% कर दिया। उनका यह कदम सही साबित हुआ है और इससे महंगाई पर काबू पाने में मदद मिली। महंगाई के मोर्चे पर स्थिरता आने के बाद फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट को स्थिर रखा गया।

बेरोजगारी से जुड़े आंकड़ों में सकारात्मक बदलाव
साल 2023 में देश में बेरोजगारी दर कम करने में भी बड़ी सफलता मिली है। एनएसएसओ की ताजा आवधिक श्रम बल रिपोर्ट देश में 15 साल से अधिक उम्र के नागरिकों में बेरोजगारी दर 3.2 प्रतिशत दर्ज की गई यह छह साल में सबसे कम है। पिछले साल बेरोजगारी दर 4.1 प्रतिशत थी। वहीं 2020-21 में यह दर 4.2 प्रतिशत, 2019-20 में 4.8 प्रतिशत और 2018-19 में 5.8 और 2017-18 में 6 प्रतिशत थी। कामकाजी उम्र की कुल आबादी में 57.9 प्रतिशत लोग श्रम शक्ति में भागीदारी कर रहे हैं। यह संख्या 2017-18 में 49.8 प्रतिशत थी। ग्रामीण क्षेत्रों में यह 50.7 से बढ़कर 60.8 प्रतिशत तो शहरों में 47.6 प्रतिशत से 50.4 प्रतिशत हुई है। पुरुषों की 78.5 प्रतिशत संख्या श्रम शक्ति में भागीदारी कर रही है, यह संख्या 2017-18 में 75.8 प्रतिशत थी। 37 प्रतिशत महिलाएं ही श्रम शक्ति का हिस्सा हैं, 2017-18 में इनकी संख्या 23.3 प्रतिशत थी। रिपोर्ट ने यह भी बताया कि गांवों में बेरोजगारी कम है। यहां 2017-18 में 5.3 प्रतिशत बेरोजगारी थी, 2022-23 में यह महज 2.4 प्रतिशत रह गई। शहरों में इसी दौरान बेरोजगारी दर 7.7 प्रतिशत से घट कर 5.4 प्रतिशत पर आई।

विदेशी मुद्रा भंडार फिर 600 अरब डॉलर के पार
विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भी साल 2023 में देश का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है। दिसंबर महीने की शुरुआत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक बार फिर 600 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार एक दिसंबर को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 604 अरब डॉलर था। इससे पहले 11 अगस्त को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर से ज्यादा था। बता दें कि अक्तूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 642 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। पर उसके बाद कमजोर होते रुपये को फिसलने से बचाने के लिए आरबीआई की ओर से दिए गए दखल के बाद विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि अब यह फिर 600 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है, जो भविष्य के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मजबूती के संकेत दे रहे हैं।

सीबीडीसी का सफल प्रयोग
आरबीआई की ओर से लॉन्च की गई डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी के लिहाज से भी साल 2023 अहम साबित हुआ है। देश के चुनिंदा शहरों कें सीबीडीसी की लॉन्चिंग के बाद इसके प्रति लोगों में उत्साह दिखा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) या ई-रुपये के सीमापार लेन-देन के उपयोग से लागत में दो से तीन फीसदी की बचत होती है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा, सीबीडीसी का उपयोग कारोबार, पैसा भेजने या किसी और इस्तेमाल में भी सीमापार के लिए किया जा सकता है। सेठ ने कहा, फिलहाल, सीमापार भुगतान की बहुत कुशल प्रणाली नहीं है। इसमें समय लगता है। अप्रवासी भारतीय हर साल भारत में करीब 100 अरब डॉलर भेजते हैं।

जी-20 समिट का सफल आयोजन
साल 2023 भारत की अध्यक्षता में जी 20 के सफल आयोजन के लिए भी जाना जाएगा। जी 20 समिट के दौरान 115 से अधिक देशों से आए 25 हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने देशभर के 60 शहरों में 220 से ज्यादा मीटिंग की। भारत की अध्यक्षता में हुई जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का आपना संदेश पूरी दुनिया को दिया। ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते या एफटीए की दिशा में भी साल 2023 में अहम बातचीत हुई। जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम आने उम्मीद है।

आर्थिक कनेक्टिविटी कॉरिडोर की घोषणा
भारत की अध्यक्षता में हुई जी20 समिट की एक अहम उपलब्धि आर्थिक कनेक्टिविटी कॉरिडोर की घोषणा रही। यह कॉरिडोर जल्द ही भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच बनेगा। यह कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे पर सहयोग के लिए एक ऐतिहासिक और अपनी तरह की पहली पहल है। जिसमें भारत, यूएई, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका शामिल हो रहे हैं। इस कॉरिडोर के साथ अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए इटली ने हाल ही में चीन के बीआरई प्रोजेक्ट से अलग होने की घोषणा कर दी है। यह रणनीतिक मोर्चे पर भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

चिप निर्माण के क्षेत्र में रखा कदम
साल 2023 भारत के लिए चिप निर्माण का आगाज करने वाला साल भी रहा। पीएम मोदी ने 28 जुलाई को गुजरात में सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन-2023 के उद्घाटन के दौरान दुनियाभर के चिप निर्माताओं को भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण से जुड़ने का आमंत्रण देते हुए कहा कि भारत किसी को निराश नहीं करता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि दुनियाभर की कंपनियां तो भारत में आकर चिप बनाएं ही, साथ ही भारत खुद अपनी चिप विकसित करे। भारत की चिप बनाने में सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धा चीन से है, जो पिछले तीन दशकों से निवेश के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी राजकीय अमेरिका यात्रा के दौरान माइक्रॉन टेक्नोलॉजी के सीईओ संजय मेहरोत्रा से मुलाकात की थी और उन्हें भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित किया था। जिसके कुछ घंटों बाद माइक्रॉन ने 82.5 करोड़ डॉलर के निवेश के साथ गुजरात में एक नई असेंबली और परीक्षण सुविधा बनाने की अपनी योजना की घोषणा की। इसके अलावे फॉक्सकॉन और वेदांता जैसी कंपनियां भी भारत में चिप निर्माण के क्षेत्र में अपना अभियान आगे बढ़ा रही है।

शेयर बाजार ऑल टाइम हाई पर
भारतीय शेयर बाजार ने साल 2023 में लगातार नए रिकॉर्ड बनाए। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी नए ऑल हाई की ओर बढ़ते रहे। बीते शुक्रवार यानी आठ दिसंबर को पहली बार बीएसई सेंसेक्स सेंसेक्स 303.91 (0.43%) अंकों की बढ़त के साथ 69,825.60 के लेवल पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर एनएसई निफ्टी भी पहली बार 21000 का लेवल पार करने में सफल रहा।2023 में बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप भी अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने साल 2023 में भारतीय बाजार पर भरोसा करते हुए अपना निवेश जारी रखा।

एक्सप्रेस वे शुरू होने से सुधरी कनेक्टिविटी
देश में एक्सप्रेसवे और हाईवे निर्माण के लिहाज से भी 2023 का साल बहुत अहम साबित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2023 को बंगलूरू-मैसूर एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया। यह देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हुई। 119 किलोमीटर लंबे बंगलूरू-मैसूर एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को एनएच 275 नाम दिया गया। यह एक 6-10 लेन हाईवे है जिसके निर्माण पर 8480 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसके अलावे देश की राजधानी दिल्ली और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को जोड़ने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के एक हिस्से की शुरुआत भी साल 2023 में की गई। 1350 किलोमीटर लंबे आठ लेन के इस एक्सप्रेसवे का का निर्माण कार्य फिलहाल जारी है। इस एक्सप्रेस वे के शुरू होने के बाद दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी सिर्फ 12 घंटे में तय की जा सकेगी। इस एक्सप्रेसवे के पहले फेज को जो दिल्ली और जयपुर के बीच है, आम लोगों के लिए खोला जा चुका है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र यानी छह राज्यों से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेस वे को साल 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

एविएशन सेक्टर के लिए अहम उपलब्धि
साल 2023 देश के एविएशन सेक्टर के लिए बड़ा अहम रहा। इस साल देश का एयर ट्रैफिक अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचा। वहीं एयर इंडिया, इंडिगो और अकासा एयर जैसी विमानन कंपनियों ने अपने बड़े को बढ़ाने के लिए बोईंग और एयरबस के साथ ऐतिहासिक करार किए। साल 2023 में हवाई यात्रियों की संख्या में भी बड़ी वृद्धि हुई है। सरकार ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि पिछले नौ वर्ष में विमान यात्रियों की संख्या बढ़कर 14 करोड़ हो गयी है और 2030 तक यह आंकड़ा तीन गुना बढ़कर 42 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।

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