चाइल्ड लाइन में कॉल कर खुद रोकी अपनी शादी

  • नाबालिग ने नहीं मानी हार… बाल विवाह को नकारा
  • अधिकारी पहुंचे मदद को, समझाईश के बाद माता-पिता हुए तैयार

इंदौर। सांवेर तहसील के छोटे से गांव अजनोद की मासूम के माता-पिता 16 साल की उम्र में ही उसके हाथ पीले कर विदा कर देना चाह रहे थे, लेकिन नाबालिग को कच्ची उम्र में शादी मंजूर नहीं थी। उसने हिम्मत नहीं हारी और चाइल्ड लाइन पर सम्पर्क कर भोपाल तक शिकायत कर दी। भोपाल से निर्देश के बाद आनन-फानन में अधिकारी पहुंचे और विवाह रुकवाया। माता-पिता के विरोध के बावजूद 16 साल की नाबालिग ने चाइल्ड लाइन में कॉल कर खुद अपना विवाह न केवल रुकवाया, बल्कि हार न मानते हुए माता- पिता को समझाइश दिलवाकर आखिरकार मना ही लिया।

सांवेर तहसील के छोटे से गांव जहां फोन का नेटवर्क भी बमुश्किल ही मिलता है, अधिकारी कभी-कभार ही नजर आते हैं, ऐसे में वहां की एक मासूम ने उसका बाल विवाह रुकवाने के लिए हार न मानते हुए फोन का इंतजाम किया। चाइल्ड लाइन के नंबर 1098 पर कॉल कर मदद की गुहार लगाई। भोपाल स्थित कार्यालय से उक्त बालिका के संबंध में इंदौर चाइल्ड लाइन को सूचित किया गया। इस पर अधिकारी और लाडो अभियान की टीम आनन-फानन मौके पर पहुंची और पिता राकेश व मां संगीता को समझाइश दी। बच्ची ने अधिकारियों को बताया कि बार-बार मना करने के बावजूद कम उम्र में ही माता-पिता विवाह कर देना चाहते हैं। दस्तावेजों में भी बच्ची की उम्र 16 वर्ष ही पाई गई और अधिकारियों ने परिवार को नाबालिग का विवाह करने पर दंड के प्रावधान की जानकारी दी, तब जाकर परिवार बालिग होने पर ही बच्ची के विवाह के लिए तैयार हुआ। उनसे लिखित में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाए गए।

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