अस्सी बरस पहले जिगर साब ने भोपाल में बनाई थी अंजुमन-उल-कुहला

भोपाल गरचे, खुल्द बद अमां है ऐ जिगर दिल क्या शगुफ्ता हो कि नसीम जिगर नहीं ये शेर बीसवीं सदी के मोतबर शायर जिगर मुरादाबादी का है। आइये आज आपको जिगर साब का भोपाल से वाबस्ता यादगार और दिलचस्प किस्सा सुनाएं। दरअसल ये शेर जिगर ने अपनी बीवी मरहूम नसीम के इंतकाल के बाद हताशा … Read more