आयुर्वेद को आलोचना नहीं, शोध की जरूरत

– हृदयनारायण दीक्षित आनंदपूर्ण जीवन मनुष्य की स्वाभाविक इच्छा है। इसके लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य जरूरी है। स्वस्थ जीवन और दीर्घायु सबकी अभिलाषा है। वैदिक ऋषि सौ वर्ष के स्वस्थ जीवन के लिए स्तुतियां करते थे। प्राचीन काल का जीवन प्रकृति रस से भरपूर था। लेकिन आधुनिक जीवनशैली के कारण रोग बढ़ रहे हैं। … Read more