हिन्दी बने व्यवहार और ज्ञान की भाषा

– गिरीश्वर मिश्र अक्सर भाषा को संचार और अभिव्यक्ति के एक प्रतीकात्मक माध्यम के रूप ग्रहण किया जाता है। यह स्वाभाविक भी है। हम अपने विचार, सुख-दुख के भाव और दृष्टिकोण दूसरों तक मुख्यत: भाषा द्वारा ही पहुंचाते हैं और संवाद संभव होता है। निश्चय ही यह भाषा की बड़ी भूमिका है परंतु इससे भाषा … Read more