शबरी जयंती: सामाजिक समरसता और नारी भावना के उच्चतम सम्मान का अद्भुत प्रसंग

– रमेश शर्मा भक्त शिरोमणि शबरी वनवासी भील समाज से थीं। फिर भी मातंग ऋषि के गुरु आश्रम की उत्तराधिकारी बनी। रामजी ने उनके जूठे बेर खाये। यह कथा भारतीय समाज की उस आदर्श परंपरा का उदाहरण है कि व्यक्ति को पद, स्थान और सम्मान उसके गुण और योग्यता से मिलता है जन्म या जाति … Read more