पाकिस्तान के दूसरे बड़े नेवल एयर स्टेशन पर आतंकी हमला, BLA के मजीद ब्रिगेड ने ली हमले की जिम्‍मेदारी

नई दिल्‍ली (New Delhi) । पाकिस्तान (Pakistan) पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में बलूचिस्तान (Balochistan) के ग्वादर पोर्ट (Gwadar Port) पर आतंकी हमला (terrorist attack) हुआ था और अब बलूचिस्तान में स्थित पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े नेवल एयर स्टेशन पर बड़े हमले को अंजाम दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह हमला बलूचिस्तान के तुर्बत में स्थित PNS सिद्दीकी नेवल एयर स्टेशन पर हुआ है. हथियारबंद लड़ाकों ने नौसेना के स्टेशन को निशाना बनाते हुए अटैक किया है. कई इलाकों में विस्फोट होने की बात भी सामने आई है.

हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित संगठन बलूचिस्तान-लिबरेशन-आर्मी (BLA) की मजीद ब्रिगेड ने ली है. उन्होंने कहा है कि उनके लड़ाके एयर स्टेशन में घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे हैं. दरअसल, मजीद ब्रिगेड बलूचिस्तान प्रांत में चीन के निवेश का विरोध करती है और चीन और पाकिस्तान पर क्षेत्र के संसाधनों का शोषण करने का आरोप लगाती है.

डॉक्टरों को मिले ये निर्देश
बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अचानक हुए इस हमले के बाद तुर्बत के जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने अस्पताल में आपातकाल लगा दिया है. सभी डॉक्टरों को तुरंत ड्यूटी पर आने के लिए कहा गया है. तुर्बत में हुआ यह हमला इस सप्ताह का दूसरा और बीएलए मजीद ब्रिगेड द्वारा किया गया इस साल का तीसरा हमला है.

तब मारे गए थे 8 लड़ाके
बता दें कि हाल ही में लड़ाकों ने 29 जनवरी को ग्वादर में सैन्य खुफिया मुख्यालय को निशाना बनाया था. पाकिस्तान ने इसे आतंकी हमला करार दिया था. इसके बाद 20 मार्च को भी बलूच लड़ाकों ने एक बार फिर हमले को अंजाम दिया था. ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स में ई विस्फोटों और गोलीबारी के साथ शुरू हुई लड़ाई में 8 लड़ाके मारे गए थे. जबकि, इस हमले में पाक सेना के 2 जवान भी मारे गए थे. इसकी जिम्मेदारी भी BLA ने ली थी.

संसाधनों पर कब्जे की लड़ाई
दरअसल, ग्वादर बंदरगाह चीन और पाकिस्तान के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सीपीईसी (चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) का सबसे अहम हिस्सा है. लेकिन बलूचिस्तान के लोग इसे अपने संसाधनों पर कब्जे के रूप में देखते हैं. यही वजह है कि लंबे समय इस इलाके में निर्माण कार्यों के शोर के बजाय खौफ और दहशत का सन्नाटा पसरा हुआ है. लेकिन वजहें कई और भी हैं.

मछली पकड़ना हुआ मुश्किल
बलूचों का आरोप है कि सीपीईसी और ग्वादर में चल रहे दूसरे प्रोजेक्ट्स का उद्देश्य चीन के हितों को साधना है. इसमें स्थानीय लोगों को नजरअंदाज किया जा रहा है. चीन की तरफ से किए जा रहे निर्माण कार्यों ने स्थानीय लोगों के जीवन में कोई सुधार तो नहीं किया बल्कि कई लोगों की आजीविका भी उजाड़ दी.

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