चूहा हत्याकांड मामले में आरोपी ने गुनाह कबूला फिर भी नहीं मिली राहत

नई दिल्‍ली (New Delhi)। उत्‍तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं (Badaun) में एक ऐसा हत्‍याकांड (Massacre) का मामला सामने आया कि आप सुनकर हैरान रह जाएंगे। दरअसल, चूहा मारकर कोर्ट कचहरी (court court) के चक्कर में फंसे मनोज को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उसकी एक हरकत उसे कितनी बड़ी मुसीबत में डाल देगी।

यहां तक कि हत्या मामले में कोर्ट में पुलिस ने 30 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में पुलिस ने आरोपी मनोज को 7 प्वाइंट्स के आधार पर दोषी माना है। 25 नवंबर 2022 को मनोज ने चूहे को पत्थर से बांधकर नाले में फेंक दिया था। इसमें उसकी मौत हो गई। एनिमल लवर विकेंद्र की शिकायत पर पुलिस ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम में FIR दर्ज की थी। बता दें कि बदायूं के सदर कोतवाली क्षेत्र में हुए चूहा हत्याकांड के आरोपी मनोज को इस बात का आभास नहीं था कि चूहे को मारने पर भी उस पर केस हो सकता है। मुकदमेबाजी से भी उसको गुजरना पड़ेगा।

घटना के बाद आरोपी हर बिंदु पर फंसता गया। पुलिस हिरासत में उसने गुनाह कबूलते हुए कहा कि वह चूहे से तंग आ गया था, उसके घर का काफी सामान चूहे ने कुतर दिया था। बताया कि गरीबी की मार से वह खुद जूझ रहा है ऐसे में उसके घर में चूहे ने कपड़े भी नहीं छोड़े थे, इसलिए पकड़ में आने के बाद उसने चूहा को पत्थर से बांधकर नाले में फेंक दिया।


गुनाह कबूलने के बाद उसने माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में वह इस तरह की गलती नहीं करेगा। पुलिस ने गुना कबूलने के बाद उसपर एफआईआर दर्ज की तो अब कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई है। चार्जशीट तैयार करने में भी पुलिस को चार महीने लग गए। इस मामले की विवेचना के दौरान सात पर्चे काटे गए तो अब 30 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई है। वहीं बीते साल 25 नवंबर को सदर कोतवाली क्षेत्र के पनबड़िया निवासी मनोज कुमार ने अपने घर से चूहा पकड़ा और घर के बाहर नाले में पत्थर बांधकर उसको डुबकी लगाईं। इस दौरान पीएफए के विकेंद्र शर्मा ने उसे ऐसा करते देख पुलिस को बुला लिया। विकेंद्र मनोज पर एफआईआर दर्ज कराने की जिद करने लगे। पुलिस आरोपी को पकड़कर कोतवाली ले गई।

इसके बाद चूहे का बरेली के आईवीआरआई में पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद विकेंद्र की तहरीर पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मनोज के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। बाद में मनोज को कच्ची जमानत पर छोड़ दिया गया। मनोज घटना के पांचवें दिन अदालत में हाजिर हुआ, जहां से उसको जमानत दे दी गई।

दूसरी ओर आरोपी मनोज का कहना है कि उसको इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह महज चूहे को मारने में इतने बड़े जंजाल में फंस जाएगा। चूहा मारने की तमाम दवाई आती हैं जिन्हें चूहे से परेशान लोग अपने घरों में उन्हें मारने के लिए रखते हैं। उसे भी चूहा काफी समय से परेशान कर रहा था। उसके घर का काफी जरूरी सामान चूहे ने कुतर दिया था। उसकी बेटी के हाथ में भी काट लिया था। बेटी के इलाज में उसे काफी पैसे खर्च करने पड़े।

जिला बार एसोसिएशन के महासचिव पवन कुमार गुप्ता ने बताया कि जिन धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई है वह जमानतीय अपराध है। इस अपराध में आरोपी को छह महीने तक की सजा का प्रावधान है। सीओ सिटी आलोक मिश्रा चूहा मारने के आरोपी पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।

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