‘मामा’ की छवि को बट्टा लगा रही खाकी की काली ‘करतूत’

  • हनीट्रैप गेंग चलाने से लेकर दुष्कर्म के आरोपियों को खुला संरक्षण

भोपाल। पुलिस (Police) पर आमतौर पर घूस लेने, सड़क पर लोगों को जबरन परेशान करने के मामले तो आम हो गए हैं, लेकिन अब पुलिस (Police) इससे भी आगे निकल गई है। हाल ही में होशंगाबाद (Hoshangabad), ग्वालियर (Gwalior) एवं सतना (Satna) जिले से पुलिस कर्मी (Police Personnel) एवं अफसरों की जो करतूत सामने आई है, उससे सरकार की छवि खराब हो रही है। महिला सुरक्षा (Women Safety) को लेकर फंासी की सजा से लेकर अन्य कड़े फैसले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने लिए हैं, लेकिन महिला अपराध (Women Crime) के संगीन मामलों में पुलिस को जो कृत्य सामने आया है। उससे मुख्यमंत्री (Chief Minister) की छवि को बट़्टा लगाने का काम किया है।

  • केस-1 : दरोगा थाने से चला हनीट्रैप गेंग
    हनीट्रैप कांड को लेकर प्रदेश की देश भर में बदनाम है। होशंगाबाद में थानेदार जय नलवाया थाने से ही हनीट्रैप गेंग चला रहा था। इसमें महिला हेड कांस्टेबल ज्योति मांझी और कांस्टेबल मनोज वर्मा और एक महिला शामिल थी। गैंग में शामिल सुनीता ठाकुर युवाओं को होटल ले जाती और वहां वीडियो बनाती। इसके बाद पुलिसकर्मी युवाओं से पैसा वसूलते। जब पुलिसकर्मियों ने गैंग में शामिल महिला को वसूली में से कम रुपए दिए ता एसपी से शिकायत की। एसपी ने तीनों को निलंबित करने के बाद विभागीय जांच शुरू की है। एसपी संतोष गौर ने महिला सेल प्रभारी डीएसपी आशुतोष पटेल जांच सौंपी है। हालांकि इतनी बड़ी करतूत सामने आने के बाद जांच अधिकारी को कुछ भी तथ्य नहीं मिला है। स्थानीय सूत्र बताते हैं कि गहनता से जांच की गई तो बड़ा खुलासा हो सकता है। विदिशा जिले के सलकनपुर के युवक से ही 7 लाख रुपए वसूलने का मामला सामने आया है। फिलहाल मामले को जिला स्तर पर ही रफा-दफा करने की तैयारी है।
  • केस-2: पीडि़ता को थाने में पीटा, भरोसे लायक नहीं है पुलिस: हाईकोर्ट
    ग्वालियर में हाईकोर्ट ने नाबालिग गैंगरेप पीडि़ता और उसके परिजन को मुरार थाने में आरोपी के दादा गंगा सिंह भदौरिया के कहने पर पीटने और प्रताडि़त करने के मामले में पुलिस अफसरों के खिलाफ हाईकोर्ट के सख्त निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने मुरार थाना के टीआई अजय पवार, एसआई कीर्ति उपाध्याय के खिलाफ सीधे मामला दर्ज करने के लिए कहा है। साथ ही एएसपी शहर सुमन गुर्जर, सीएसपी मुरार आरएन पचौरी, टीआई सिरोल प्रीति भार्गव की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही इन सभी पुलिस अफसरों को तत्काल प्रभाव से ग्वालियर-चंबल अंचल से बाहर करने के निर्देश दिए गए हैं। अपने आदेश में कोर्ट ने कहा है कि पुलिस भरोसे लायक नहीं है। हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को देने के आदेश दिए हैं। पीडि़ता ने पिछले साल मुरार थाना पहुंचकर बताया था कि सीपी कॉलोनी निवासी गंगा सिंह भदौरिया के नाती आदित्य भदौरिया और उसके दोस्त ने दुष्कर्म किया। इसे बाद भदौरिया के कहने पर पुलिस ने पीडि़ता को थाने में रात भर पीटा।
  • केस-3: पुलिस के सामने गुंडों ने युवती को पीटा
    सतना कोतवानी पुलिस के सामने गुंडों ने युवती को सड़क पर पीटा। जब युवती शिकायत लेकर थाने पहुंची तो पुलिस ने गुंडों का पक्ष लिया। जब पुलिस के सामने मारपीट का वीडियो वायरल हुआ तो वरिष्ठ अफसरों के दखल के बाद मामला दर्ज हुआ। मुख्यारगंज निवासी शिवम सेठिया के घर में किराए पर रहने वाली युवती के साथ कुछ युवकों ने सड़क पर मारपीट की। इस दौरान घटनास्थल पर पुलिस से लेकर मोहल्ले के लोग मौजूद रहे। फिर भी किसी ने दखलंदाजी नहीं की। पूरे घटनाक्रम का वीडियो वरिष्ठ अधिकारियों के हाथ लगा तो उन्होंने पुलिस अफसरों से थाने में बात की। तब जाकर देर रात बलवा, मारपीट और अश्लील हरकत का मामला दर्ज किया।

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