मुफ्ती आजम बनने मौलाना इम्तियाजुल के तिलिस्म की काली सच्चाई धर्म की आड़ में बन बैठा शहर का भू-माफि या

  • अग्निबाण ने परत दर परत किए खुलासे

जबलपुर। शहर में लगातार भू-माफियाओं को लेकर अग्निबाण ने पिछले अंकों में खुलासे किए हैं। जिसमें की मौलाना इम्तयाजुल कादरी को लेकर पिछले सप्ताह से परत दर परत कई प्रकार की काली करतूतों की सच्चाई सामने लाई। कि कैसे मौलाना इम्तयाजुल कादरी धर्म की आड़ में सफेदपोश बनकर आवाम की जमीनों में कब्जा कर धोखाधड़ी से क्रय-विक्रय करता था। मौलाना के साथ-साथ इशरार जिलानी, मुन्ना तैय्यूम, अमजद, गुड्डू, आबिद अंसारी, अयाज राईन और भूरे पहलवान इस जमीन के काले कारोबार में शामिल होते गए। कैसे केबीसी बिल्डर के साथ 6 करोड़ की धोखाधड़ी की और जमीनों में आमजनता का पैसा फंसा दिया। दूसरे अंक में अग्निबाण ने पाठकों को अवगत कराया था कि मौलाना ने शिक्षा के मंदिर मदरसे की जमीन पर अपनी गिद्ध नजर गड़ाकर उस भूमि को भी खुर्द-बुर्द कर दिया। तथा अमखेरा स्थित भगवानदास की जमीन में भी 5 एकड़ का पॉवर लेकर 8 एकड़ 88 डिसमिल जमीन बेंच दी । जिसको लेकर गोहलपुर में 420 का मामला भी दर्ज किया गया था। ऐसे ही महाराजपुर में भी ढ़ाई एकड़ की कीमती जमीन का सौंदा भी धोखाधड़ी से किया और उच्च न्यायाल के स्टे होने के बावजूद भी अपने भाई को उक्त जमीन का पॉवर देकर धड़ल्ले से प्लाट बेंचे जा रहे हैं। इन सब में प्रमुख बात यह है कि मौलाना कादरी अपने आप को समाज का सरपरस्त बताकर स्वयं को शहर का मुफ्ती बताता रहा। और मध्यप्रदेश मुफ्ती ए आजम बनने कई प्रकार के ढ़ोंग और स्वांग रचे। अग्निबाण एक बार पुन: मौलाना इम्तयाजुल कादरी की काली करतूतों की सच्चाई एक साथ सभी अंकों में प्रकाशित समाचारों को मिलाकर अपने पाठकों के समक्ष रखते हुए मौलाना के काले चेहरे का खुलासा कर रहा है।

मौलाना होकर किया शिक्षा के मंदिर का सौदा
मौलाना इम्तियाजुल ने जमीतुल अलगोसिया की जमीन बेच दी अर्थात अमखेरा स्थित यह जमीन मदरसे की जमीन थी। अपनी मां रजिया बेगम के नाम पर करवा ली। मदरसे की यह जमीन 2 एकड़ में फैली हुई थी और मदरसे के पूर्व यह जमीन आदिवासी के नाम पर थी। ज्ञात हो मौलाना इम्तियाज उल कादरी भूरे पहलवान के सुपुत्र है। भूरे पहलवान का अपने पुत्र को हर काले-पीले कार्य में संरक्षण में आम बात है। अर्थात जमीन जो शिक्षा के मंदिर के लिए आवंटित की गई थी, उसे अपने नाम पर हस्तांतरित करवा कर मौलाना ने जमीन का व्यापार अवैध रूप से किया। मदरसे की जमीन का क्रय-विक्रय करने के लिए कई प्रकार के नियम शामिल होते हैं, जिसमें बक्फ बोर्ड की अनुमति का भी प्रमुख रोल होता है। इसके अलावा मदरसे ट्रस्ट की जमीन का अध्यक्ष कलेक्टर होता है अर्थात कलेक्टर की बिना अनुमति के इस प्रकार के ट्रस्टों की जमीनों का क्रय व्रिकय नहीं किया जा सकता। कैसे मौलाना कादरी ने 2 एकड़ ट्रस्ट की जमीन का सौदा कर दिया है यह समझ से परे है।

बिल्डर धोखाधड़ी मामले में केबीसी ने वीडियो किए वायरल
केबीसी बिल्डर ने जब पुलिस अधीक्षक से अमजद पर मौलाना इम्तयाजुल की शिकायत की तब मामले का खुलासा हुआ था कि कैसे बिल्डर को लाखों-करोडों का चूना लगाया गया। केबीसी बिल्डर द्वारा लेन-देन से संबंधित बातों का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है। जिसमें कि अमजद द्वारा पैसे लेने की बात स्वीकार की जा रही है। वहीं केबीसी बिल्डर ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच कर बताया था कि उसकी अमखेरा में जमीन है, जिस पर वह प्लाटिंग कर रहा था। उसे मो. इरशाद व अमजद ने अपने झांसे में लेकर उसे झूठे मामले में जेल पहुंचा दिया। इसके बाद उसके आधिपत्य की जमीन को खुर्द बुर्द कर फर्जी तरीके से विक्रय करना शुरु कर दिया। इतना ही नहीं उसने जिन लोगों से जमीन विक्रय का पैसा लिया था वह अपना पैसा मांग रहे है। उसके जेल में निरुद्ध रहने के दौरान आरोपीगणों ने जालसाजी कर उसकी जमीन की बंदरबाट कर दी। पीडि़त ने मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। बताया जा रहा है कि इसकों लेकर उसने सीमांकन का भी आवेदन किया हैए जिस पर जल्द ही सीमांकन होगा और उसके बाद आरोपीगणों पर सख्त कार्रवाई हो सकती है। वैसे तो अमजद और इरशाद ने मिलकर केबीसी बिल्डर के साथ बहुत बड़ा गेम खेला जिसके कारण कहीं ना कहीं पूरे मैटर में बिल्डर 6 करोड़ की चपत लग गई, वहीं आम जनता का पैसा नहीं मिला।

मौलाना कादरी के चेले पर दर्ज हुआ मामला
अधारताल में प्लाट मालिक ने बगैर कॉलोनाईजर लाइसेंस के लाखों के प्लाट बेंच दिए। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला कायम कर जांच में लिया है। थाना प्रभारी शैलेश मिश्रा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि तहसीलदार रिपोर्ट पर हिलाल अहमद अंसारी पिता रियाज अहमद एंसारी निवासी असफाक उल्ला बाग जबलपुर के खिलाफ मामला कायम किया गया है। आरोपी के पास कॉलोनाइजर लाइसेंस नहीं था, लेकिन उसके बाद भी आरोपी ने कच्ची प्लाटिंग बेंच दी। मामले की जांच जारी है। वहीं बताया जा रहा है कि अवैध प्लाटिंग करने वाला हिलाल मौलाना इम्तयाजुल कादरी का परम चेला है और दोनों कई जमीनों में पार्टनर भी है।

कल होगा बड़ा खुलासा
जमीनों के अलावा धर्म की चादर ओढ़ कर मौलाना मध्यप्रदेश मुफ्ती ए आजम बनना चाहता था। पद की लालसा में क्षेत्र के अमन-चैन को भी बिगाडऩे का काम भी किया था। जिससे संबंधित कई वीडियो वायरल हो चुके है। जिसमें की मौलाना इम्तयाजुल कादरी अपने समर्थकों के साथ 7 से 8 बार जुलूस निकालता दिखाई दे रहा है। अगले अंक में अग्निबाण पाठकों के समक्ष मामले से संबंधित नया खुलासा करेगा, जिसमें की पाठकों को इस बात की जानकारी दी जाएगी की धर्म की आड़ में कैसे इस सफेदपोश ने मध्यप्रदेश मुफ्ती बनने के लिए कई प्रकार के ढ़ोंग और चाले चली। जिससे शहर का एक कौना भष्म होते रह गया।

हाईकोर्ट स्टे के बाद धोखाधड़ी कर बेंच डाली करोड़ों की जमीन
जानकारी अनुसार मौलाना इम्तियाज उल कादरी व इसरार जिलानी द्वारा मिलकर वारेलाल की खसरा नंबर 267 महाराजपुर सुहागी में 2 एकड़ 85 डिसमिल जमीन बेचने का पावर लिया गया था। इस दौरान वारेलाल की मौत हो गई और मौलाना ने अपने साथी इसरार के साथ मिलकर कई प्लाटों की रजिस्ट्री भी कर दी और वारेलाल के बच्चों को पैसे भी नहीं दिए। जिसके बाद वारेलाल के पुत्रों ने कोर्ट की शरण ले ली और कोर्ट द्वारा मौलाना इम्तियाज व जिलानी पर आधारताल थाने को धोखाधड़ी मुकदमा कायम करने का आदेश दिया गया है। परंतु मौलाना द्वारा कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए अभी भी प्लॉटिंग करते हुए जनता को प्लाट बेच रहा है। अपने भाई गुड्डू को पावर देकर जमीनों का सौदा करता जा रहा है।

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