मानसून प्री व पोस्ट मेंटेनेंस का कान्सेप्ट खत्म, अब साल भर चलेगा

भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सिटी सर्कल में प्री व पोस्ट मानसून मेंटेनेंस के कान्सेप्ट (अवधारणा) को खत्म कर दिया है। अब सालभर मेंटेनेंस किया जाएगा, लेकिन मेंटेनेंस का शेड्यूल निर्धारित किया गया है। जिस फीडर पर ज्यादा ट्रिपिंग है, उसका सुधार पहले किया जाएगा। इस व्यवस्था से एक साथ बड़ी संख्या लोगों को मेंटेनेंस की कटौती नहीं झेलनी पड़ेगी। क्योंकि कम ही फीडरों पर परमिट जारी किया जाएगा। बिजली कंपनी मानसून पूर्व मेंटेनेंस की शुरुआत 15 अप्रैल से 30 जून के बीच करती थी। भीषण गर्मी में बड़ी संख्या में फीडरों पर कटौती की जाती थी, जिससे लोग गर्मी से बेहाल हो जाते थे। समय कम मिलने की वजह से एक फीडर को दो से तीन बार बंद करना पड़ता था। उसके बाद मानसून पोस्ट मेंटेनेंस सितंबर में किया जाता है। यह दीपावली तक चलता था। सितंबर में भीषण उमस होती है। ऐसी स्थिति में बिजली चली जाए तो लोग गर्मी से बेहाल हो जाते थे। मेंटेनेंस की कटौती से शहर में हा-हाकार मच जाता था। प्री मानसून व पोस्ट की अवधारणा को खत्म कर दिया है। सालभर लाइनों पर सुधार कार्य किया जाएगा।

ऐसे किया गया है शेड्यूल निर्धारित
अगर किसी 33 केवी फीडर पर एक महीने में 25 ट्रिपिंग आ रही है। इस फीडर पर पहले सुधार किया जाएगा। एचटी मेंटेनेंस व जोन की गैंग के एक साथ पूरे फीडर पर कार्य कराया जाएगा। 11 केवी फीडर पर महीने में 50 ट्रिपिंग आ रही है तो उस फीडर पर शटडाउन दिया जाएगा। फीडर की कमियों को दूर किया जाएगा। प्री व पोस्ट मानसून मेंटेनेंस के दौरान एक साथ ज्यादा फीडरों को बंद किया जाता था। जिससे एक बड़ा इलाका बंद हो जाता था, लेकिन अब एक साथ ज्यादा फीडर बंद नहीं किए जाएंगे। फीडर पर कटौती का समय की लंबाई व जरूरत के हिसाब से निर्धारित किया जाएगा।

पेड़ों की टहनियां काटना किया शुरू
प्री व पोस्ट मानसून मेंटेनेंस के दौरान सबसे ज्यादा काम पेड़ों की टहनियों की कटाई का किया जाता है, लेकिन ऐसी जगहों की टहनियों को पहले ही काटना शुरू कर दिया है, जिन्हें काटने के लिए बिजली आपूर्ति बंद नहीं करनी पड़ती है। 33 केवी लाइनों के नीचे सबसे ज्यादा पेड़ हैं। पेड़ों की टहनियों से ही ट्रिपंग अधिक आती है। सितंबर में मेंटेनेंस का कार्य किया जाएगा, लेकिन पिछले साल की तरह कटौती नहीं होगी।

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