शिप्रा के घाटों पर निगम की टीम आज से फिर लगी, ब्लॉकों की साईज कम कर रहे हैं

उज्जैन। महाशिवरात्रि पर आयोजित दीपोत्सव के लिए शिप्रा किनारे घाटों पर ब्लॉक बनाने का काम नगर निगम को दिया गया था। इसमें एक ब्लॉक का आकार 200 दीपक लगाने जितना तय किया गया था, परंतु शिप्रा के तीन घाटों पर इससे दो गुने आकार के ब्लॉक बना दिए गए थे। अब एक बार फिर इन ब्लॉकों को छोटा करने में नगर निगम की टीम को लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि महाशिवरात्रि पर्व पर आयोजित होने जा रहे दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन ने अलग-अलग विभागों को अलग-अलग जवाबदारियाँ सौंप रखी है। इसमें महाकाल तथा नदी क्षेत्र में उत्सव वाले दिन साफ-सफाई तथा प्रकाश व्यवस्था के साथ-साथ शिप्रा तट जहाँ दीपक लगने हैं। वहाँ के ब्लॉक बनाने की जवाबदारी भी नगर निगम को मिली है। यही कारण है कि आयोजन के 15 दिन पहले से नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी लगातार शिप्रा के घाटों पर दीपोत्सव की तैयारी में लगे हुए हैं। सबसे पहले नगर निगम ने भूखी माता, कर्कराज घाट से नृसिंहघाट होते हुए रामघाट और बड़े पुल तक दोनों ओर के घाटों की सफाई कई दिनों तक की थी।

साफ-सफाई के बाद पिछले एक हफ्ते से आयोजन में लगने वाले दीपकों के लिए ब्लॉक बनाने का काम नगर निगम के अधिकारियों ने शुरु करवाया था। विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसकी शुरुआत भूखी माता, कर्कराज घाट, नृसिंहघाट से की गई थी। यहाँ तय योजना के मुताबिक एक ब्लॉक का आकार इतना बनाया जाना था कि उसमें 200 दीपक लगाए जा सके। परंतु तीनों घाटों पर इससे दो गुने आकार के ब्लॉक बना दिए गए थे। जब इनमें रिहर्सल के लिए दीपक रखकर देखे गए तो एक ब्लॉक में ही 400 से ज्यादा दीपक आसानी से रखा गए। ऐसे में भूखी माता से लेकर नृसिंहघाट होते हुए रामघाट तक लगने वाली दीपकों की श्रृंखला का गणित गड़बड़ा गया। क्योंकि नृसिंहघाट के आगे सिद्ध आश्रम से लेकर दत्त अखाड़ा, रामघाट और छोट पुल तक जो ब्लॉक बनाए गए हैं उनका आकार 200 दीपकों के मुताबिक बनाया गया है। यही कारण है कि अब पिछले दो दिनों से नगर निगम के अधिकारी अधीनस्थ कर्मचारियों को लेकर भूखी माता, कर्कराज घाट और नृसिंहघाट क्षेत्र में बनाए गए पूर्व में बनाए गए ब्लॉक को मिटाकर नए सिरे से छोटे ब्लॉक बना रहे हैं। इसके लिए आज भी कर्मचारियों को घाटों पर बुलाया गया है। इधर कल शाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की टीम आयोजन की तैयारियों को देखने कल शहर आई थी। टीम के सदस्यों ने रामघाट क्षेत्र में कुछ ब्लॉक चेक किए तथा उनमें जल रहे दीपकों की गिनती भी की। महा शिवरात्रि पर 21 लाख दीयों का उज्जैन में वल्र्ड रिकार्ड बनना है।

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