आज रात को खुलेंगे नागचंद्रेश्वर के पट…भक्तों को इंतजार

  • रात्रि साढ़े 12 बजे से श्रद्धालु कर सकेंगे 11वीं सदी की अनूठी प्रतिमा और शिवलिंग के दर्शन- 4 घंटे पहले से कतार में लग सकेंगे श्रद्धालु

उज्जैन। कल नागपंचमी का महापर्व मनेगा। महाकाल मंदिर के शिखर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट आज रात्रि 12 बजे भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। आधे घंटे की त्रिकाल पूजा के बाद श्रद्धालुओं का प्रवेश दर्शन हेतु शुरू हो जाएगा। नागचंद्रेश्वर दर्शन के लिए श्रद्धालु रात 8 बजे से कतार में लग सकेंगे। इसके लिए उन्हें लगभग 4 किलोमीटर पैदल चलना होगा। उल्लेखनीय है कि महाकालेश्वर मंदिर के शिखर तल पर विराजमान भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन वर्ष में एक बार नागपंचमी पर ही श्रद्धालु कर पाते हैं। परंपरा के मुताबिक नागपंचमी के अवसर पर ही इस मंदिर के पट 24 घंटे के लिए खुलते हैं। आज रात 12 बजे से मंदिर के पट खुल जाएंगे और कल रात्रि 12 बजे तक श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। कोरोना के कारण दो साल से प्रतिबंधों के चलते यह पर्व फीका रहा था। इस बार 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को 40 मिनिट में भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कराने का दावा प्रशासन ने किया है। रात 12 बजे पट खुलने के बाद आज महानिर्वाणी अखाड़े के महंत कलेक्टर के साथ भगवान नागचंद्रेश्वर का पूजन करेंगे। इसके बाद से श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर के शिखर तल पर विराजित भगवान नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा 11वीं सदी की है। इसमें भगवान शिव और पार्वती नागदेवता के आसन पर विराजमान हैं।

उज्जैन। कल नाग पंचमी विशेष संयोग में मनाई जाएगी। इसको लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शिव मंदिरों में भोलेनाथ के साथ नागदेवता की पूजा अर्चना की जाएगी। इस दिन नाग देवता का पूजन करने से विशेष फल प्राप्त होता है। इस बार नाग पंचमी चार विशेष योगों से युक्त होगी। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नाग पंचमी हर साल सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार नाग पंचमी सावन के तीसरे सोमवार के बाद कल मंगवार को मनाई जाएगी। मंगलवार होने से संजीवनी योग बन रहा है। इसके साथ ही इस दिन पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और हस्त नक्षत्र का भी खास संयोग बन रहा है। इस दिन रवि योग और सिद्धि योग का भी खास संयोग है, जिसके चलते इस दिन गौरी मंगला योग बन रहा है।

दर्शन के लिए पैदल भी चलना होगा
नागपंचमी पर 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के नागचंद्रेश्वर दर्शन हेतु आगमन को देखते हुए मंदिर समिति ने दर्शन व्यवस्था बनाई है। इसके अनुसार कर्कराज मंदिर के पास से दो कतारें लगाई जाएगी। यहां से श्रद्धालु बेरिकेट्स से होकर चारधाम मंदिर के सामने होते हुए हरसिद्धि चौराहे से शंख द्वार और फेसिलिटी सेंटर तक पहुंच सकेंगे। यह मार्ग लगभग 4 किलोमीटर लंबा रहेगा। इसके बाद श्रद्धालु महाकाल मंदिर परिसर पहुंचेंगे और यहां करीब 90 मीटर लंबे और 10 फीट चौड़े अस्थायी ब्रिज से होकर नागचंद्रेश्वर मंदिर तक पहुंच पाएंगे।

इन रास्तों से जाना होगा प्रवेश के लिए
पुलिस प्रशासन ने नागपंचमी पर नागचंद्रेश्वर दर्शन व्यवस्था को सरल बनाने के लिए अलग-अलग मार्गों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग स्थल बनाए हैं। इसमें इंदौर, देवास की ओर से आने वाले लोगों के वाहन कार्तिक मेला ग्राउंड पर पार्क किए जा सकेंगे। यहां से श्रद्धालु नृसिंह घाट तक आएंगे। यहां बेरिकेट्स से होते हुए कतार में लग सकेंगे। नृसिंह घाट के पास जूता स्टैंड बनाया गया है।

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