सऊदी अरब में खुलने जा रही पहली सरकारी शराब दुकान, खरीद सकेंगे वो जिनके पास होगी…

रियाद। सऊदी अरब की राजधानी रियाद (Riyadh, the capital of Saudi Arabia) में अपना पहला अल्कोहल स्टोर (शराब की दुकान) खोलने की तैयारी कर रहा है। यह स्टोर विशेष रूप से गैर मुस्लिम (non muslim) राजनयिकों के लिए होगा। ऐसे में आम लोग इस स्टोर से शराब की खरीदारी नहीं कर सकेंगे। एक दस्तावेज में बताया गया है कि इस अल्कोहल स्टोर से खरीदारी करने से पहले ग्राहकों को एक मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण कराना होगा। इसके अलावा उन्हें सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय से क्लीयरेंस कोड भी प्राप्त करना होगा। राजनयिकों को भी शराब की खरीदारी के लिए महीने का एक कोटा निर्धारित होगा। उससे ज्यादा की खरीदारी नहीं की जा सकेगी।

सऊदी अरब में शराब की दुकान खोलने का कदम को ऐतिहासिक बताया जा रहा है। इस्लाम के दो सबसे ज्यादा पवित्र स्थानों की मेजबानी करने के कारण सऊदी अरब में शराब प्रतिबंधित है। देश में शराब का बिकना तो दूर आम लोग इसका सेवन भी नहीं कर सकते हैं। शराब की दुकान को खोलने के फैसले को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सुधार के कदमों से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस फैसले के जरिए वे सऊदी अरब पर लगे अति रूढ़िवादी मुस्लिम देश का ठप्पा हटाना चाहते हैं, ताकि देश में पर्यटन और व्यवसाय को गति दी जा सके।

दस्तावेज में कहा गया है कि शराब की यह दुकान रियाद के डिप्लोमैटिक क्वार्टर में स्थित होगी, जहां कई देशों के दूतावास हैं और वहां विदेशी राजनयिक भी रहते हैं। यह स्पष्ट नहीं था कि अन्य गैर-मुस्लिम प्रवासियों को स्टोर तक पहुंच मिलेगी या नहीं। सऊदी अरब में लाखों प्रवासी रहते हैं लेकिन उनमें से अधिकतर एशिया और मिस्र से आए मुस्लिम कामगार हैं। योजनाओं से परिचित एक सूत्र ने कहा कि स्टोर आने वाले हफ्तों में खुलने की उम्मीद है।

सऊदी अरब में शराब पीने के खिलाफ सख्त कानून हैं जिसके लिए सैकड़ों कोड़े, निर्वासन, जुर्माना या कारावास की सजा हो सकती है और प्रवासियों को भी निर्वासन का सामना करना पड़ता है। सुधारों के हिस्से के रूप में, कोड़े मारने की सजा को बड़े पैमाने पर जेल की सजा से बदल दिया गया है। शराब केवल राजनयिक मेल के माध्यम से या काले बाजार में उपलब्ध है। सऊदी की सरकारी मीडिया ने बताया है कि सरकार राजनयिक खेपों के भीतर शराब के आयात पर नए प्रतिबंध लगा रही है, जिससे नए स्टोर की मांग बढ़ सकती है।

 

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