इंदौर। राजगृही नगर कॉलोनी की जमीन धोखाधड़ी (Fraud) के मामले का एक आरोपी फरियादी से राजीनामा करने के बाद जेल (Jail) से छूट सकेगा। उसे मुख्य आरोपी जयंत बम (Jayant) को जमानत (Bail) मिलने का लाभ मिला।
सूत्रों के मुताबिक बैंगलुरु निवासी मुलजिम अभय पिता सुरेंद्र जैन न्यायिक हिरासत में जेल में है। गंभीर बीमारियों के चलते इलाज हेतु वह एमवाय अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। उसने स्थानीय जिला कोर्ट में जमानत अर्जी पेश कर तर्क दिया था कि मामले में 29 वर्ष बाद केस दर्ज हुआ है, उसके पहले पुलिस ने जांच भी नहीं की थी। उसका मुख्य तर्क था कि उसने फरियादी राजेश चावला निवासी सिंधुनगर से राजीनामा कर लिया है और उसके प्लॉट के एवज में लिए सवा 8 लाख रुपए के बदले उसे 16 लाख के चेक देने को तैयार है। सुनवाई के दौरान फरियादी ने भी शपथपत्र देकर उसे जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं होना जताई थी। जज अभिनवकुमार जैन ने केस डायरी देखने के बाद पाया कि मामले में जो नामजद एफआईआर हुई थी, उसमें मुलजिम का नाम नहीं था। हाईकोर्ट ने गत वर्ष ही मामले में मुख्य आरोपी रवींद्र बम व उसके भाई जयंत बम को जमानत दे दी। ऐसे में उसे जमानत पर छोड़ा गया।
दो मुलजिम मरे, शेष गिरफ्तार
राजगृही नगर बसाने के लिए जाग्रति गृह निर्माण सहकारी संस्था ने 1990 में पीपल्याहाना में जमीन खरीदी थी। संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष रहते शांतिलाल बम व उनके पुत्र रवींद्र एवं जयंत के अलावा गोविंद माहेश्वरी ने विभिन्न तारीखों में प्लॉटों में काफी हेराफेरी की थी और एक ही प्लॉट दो से तीन बार तक लोगों को बेचा गया। इस मामले में राजगृही नगर रहवासी संघ के अध्यक्ष विमल मिश्रा ने वर्ष 2017 में पुलिस को शिकायत की थी, जिसके बाद केस दर्ज हुए थे। मामले में शांतिलाल व गोविंद की मौत हो चुकी है, जबकि रवींद्र व जयंत के अलावा अभय जैन पुलिस के हत्थे चढ़ा था।
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