दिल्ली, मुंबई, चेन्नई की भव्यता विकास नहीं, भारत के गांवों की समृद्धि है हमारा लक्ष्य: PM मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में देश के आकांक्षी ब्लॉकों के लिए सप्ताह भर चलने वाले विशिष्ट कार्यक्रम ‘संकल्प सप्ताह’ का शुभारंभ किया, जो 3 अक्टूबर से शुरू होकर 9 अक्टूबर तक चलेगा. इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत पीएम मोदी ने 7 जनवरी, 2023 को की थी. इसका उद्देश्य नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए ब्लॉक स्तर पर प्रशासन में सुधार करना है. इसे देश के 329 जिलों के 500 आकांक्षी ब्लॉकों में लागू किया जा रहा है. पीएम मोदी ‘संकल्प सप्ताह’ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सुबह 10 बजे ‘भारत मंडपम’ पहुंचे.

‘संकल्प सप्ताह’ का प्रत्येक दिन एक विशिष्ट विकास विषय को समर्पित होगा, जिस पर सभी 500 आकांक्षी ब्लॉक काम करेंगे. देश के अलग-अलग राज्यों से आए हस्तशिल्पियों और कारीगरों ने प्रगति मैदान स्थित अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगा रखी थी. प्रधानमंत्री एक-एक करके सभी स्टॉलों पर गए, वहां रखी कलाकृतियों और उत्पादों को देखा, इन्हें बनाने वालों से बातचीत की. इसके बाद वह मुख्य कार्यक्रम में पहुंचे. ‘संकल्प सप्ताह’ के शुभारंभ कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे.

‘संकल्प सप्ताह’ कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकसित भारत की एक प्रमुख शर्त है कि हमारे देश के बच्चों की उत्कृष्ठ शिक्षा हो. मैं कठोर परिश्रम करने वाले और समर्पित भाव से शिक्षा के लिए जीवन जीने वाले सभी शिक्षक साथियों का अभिनंदन करता हूं और धन्यवाद करता हूं. उन्होंने कहा कि देश में 200 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन की डोज दी गई हैं. लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि पशुओं में जो ‘खुर पका, मुंह पका’ (Foot and Mouth Disease) बीमारी है, उसके लिए मुफ्त में बहुत बड़ा वैक्सीनेशन का अभियान चल रहा है और पशुओं के लिए यह बहुत अनिवार्य भी है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले सरकार जब घर बनाने का कार्यक्रम करती थी तो एक मॉडल बनाती थी. हमने आकर इसे बदला कि स्थानीय लोग जिन चीजों का उपयोग करते हैं, स्थानीय जो डिजाइन होती हैं वैसे ही पीएम आवास बनना चाहिए और पैसे ऑनर को दे दिए जाएं. पीएम ने कहा कि आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम में ब्लॉक पंचायतों की बहुत बड़ी भूमिका होती है. जब हर ग्राम पंचायत काम तेजी से करेगी तो ही हर ब्लॉक का विकास तेजी से होगा. जो लोग इस मिशन से जुड़े हैं, मैं सभी लोगों को बधाई देता हूं, धन्यवाद देता हूं. भारत मंडपम, जहां विश्व नेता वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे, अब उन व्यक्तियों की मेजबानी कर रहा है जो जमीनी स्तर पर बदलाव लाते हैं. मेरे लिए यह कार्यक्रम G20 शिखर सम्मेलन जितना ही महत्वपूर्ण है.

पीएम मोदी ने कहा कि अभी जो लोग यहां (भारत मंडपम) आए हैं, वे देश के दूर-सुदूर गांवों की चिंता करने वाले लोग हैं. आखिरी छोर पर बैठे हुए परिवार की चिंता करने वाले लोग हैं. उनकी भलाई के लिए योजनाओं को आगे बढ़ाने वाले लोग हैं और इसी महीने यहां वो लोग भी बैठे थे, जो दुनिया को दिशा देने का काम करते थे. यह भारत सरकार की सोच को दर्शाता है. हम दुनिया में भी भारत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, और देश के अंदर विकास में पीछे रह गए जिलों और क्षेत्रों को भी अन्य डेवलप डिस्ट्रिक्ट के बराबरी पर लाने के लिए काम कर रहे हैं. यह कार्यक्रम टीम भारत की सफलता का प्रतीक है. ये सबका प्रयास की भावना का प्रतीक है. ये कार्यक्रम भविष्य के भारत के लिए भी अहम है. इसमें संकल्प से सिद्धि का प्रतिबिंब है.

पीएम मोदी ने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम ने देश के 112 करोड़ से अधिक लोगों का जीवन बदल दिया है। क्वालिटी ऑफ लाइफ में बदलाव आया है. मुझे विश्वास है कि जिस तरह एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम ने काम का परचम लहराया है, उसी तरह एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम भी 100 प्रतिशत सफल होने वाला है. आकांक्षी जिला प्रोग्राम के लिए हमने बहुत ही सरल रणनीति से काम किया है. क्योंकि सर्वांगीण विकास, सर्व-स्पर्शी विकास, सर्व-हितकारी विकास ये अगर हम नहीं करते हैं तो आंकड़े भले संतोष भी दें, लेकिन मूलत: परिवर्तन संभव नहीं होता है. इसलिए आवश्यक है कि ग्रासरूट पर परिवर्तन करते हुए हमें आगे बढ़ना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘संकल्प सप्ताह’ में कहा कि हम 2047 में देश को विकसित भारत के रूप में देखना चाहते हैं. लेकिन डेवलप कंट्री का मतलब यह नहीं है कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई के अंदर भव्यता दिखे और हमारे गांव पीछे रह जाएं, हम उस मॉडल को लेकर नहीं चलते हैं. हम 140 करोड़ लोगों के भाग्य को लेकर चलना चाहते हैं, उनके जीवन में बदलाव करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, आकांक्षी ब्लॉकों के लिए मैं राज्यों से आग्रह करता हूं और भारत सरकार के अधिकारी भी ध्यान दें कि जो ब्लॉक के अंदर सफल हो रहे हैं, उनका आगे का भविष्य भी उज्ज्वल होना चाहिए, ताकि उनके पास कुछ करने का जज्बा हो. वे धरती पर परिणाम लेकर आने वाले लोग हैं, उन टीमों को आगे बढ़ाना चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा, सरकार ही सब कर लेगी इस सोच से हमें बाहर आना है, समाज की शक्ति सबसे बड़ी शक्ति होती है. जिन-जिन ब्लॉक्स या जिलों में समाज को जोड़ने की ताकत है, मेरा अनुभव है, वहां परिणाम जल्दी मिलते हैं. यही कारण है कि आज स्वच्छता के अभियान ने अपनी जगह बना ली है और एक वातावरण बन गया है कि गंदगी नहीं करनी है. स्वच्छ भारत कार्यक्रम मेरे या सफाई कर्मियों के कारण नहीं सफल है, बल्कि यह इसलिए सफल है क्योंकि जनअभियान बन चुका है. ‘संकल्प सप्ताह’ के पहले 6 दिनों की थीम में ‘संपूर्ण स्वास्थ्य’, ‘सुपोषित परिवार’, ‘स्वच्छता’, ‘कृषि’, ‘शिक्षा’ और ‘समृद्धि दिवस’ शामिल हैं. सप्ताह के अंतिम दिन यानी 9 अक्टूबर, 2023 को पूरे सप्ताह के दौरान किए गए कार्यों का ‘संकल्प सप्ताह- समावेश समारोह’ उत्सव के रूप में मनाया जाएगा.

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