भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जीवन की सार्थकता भौतिकता के साथ आध्यात्मिकता के समन्वय में है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि सारा जीवन साधन जुटाने में लगाएंगे तो स्वयं ही साधन बन जाएंगे। जीवन की सार्थकता भौतिकता को साधन और आध्यात्मिकता को साध्य मान कर जीवन जीने में है।
राज्यपाल ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के दीक्षांत समारोह में कहा कि शिक्षा रूपी ज्ञान का जो तेज दीक्षित विद्यार्थियों को मिला है, उसका उपयोग वंचित और पिछड़े वर्गों के अंधकारमय जीवन में उजाला फैलाने में करें। उन्होंने शिक्षकों से भी आग्रह किया कि वे स्वयं के उदाहरण से विद्यार्थियों के सामाजिक सरोकारों में सहभागिता करने, वंचितों का उत्तरदायित्व स्वीकारने और चुनौतियों के समाधान खोजने के लिए प्रेरित करें। शोध कार्य वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर कराएँ। मौलिक चिंतन, नवाचार-युक्त समाज-हितकारी और समस्या-उन्मूलक शोध कार्य को प्रोत्साहित करें। शोध प्रबंध को वेबसाइट पर अपलोड कराएँ। अनुसंधान के लिए आर्थिक मदद, औद्योगिक संस्थानों और कॉर्पोरेट जगत से प्राप्त की जानी चाहिए।
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