उज्जैन की वो जगह जहां भगवान कृष्ण ने 64 दिन रहकर सीखी 64 विद्याएं और 16 कलाएं

उज्जैन: भगवान कृष्ण का जन्मदिन कृष्ण जन्माष्टमी (krishna janmashtami 2023) के तौर पर धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर उनके शिक्षा स्थल उज्जैन के सांदीपनि आश्रम (Sandipani Ashram of Ujjain) भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. यह वही स्थान है जहां भगवान कृष्ण (Lord Krishna) ने 64 दिन रहकर 64 विद्याएं और 16 कलाएं सीखी थी. गुरु महर्षि सांदीपनि (Guru Maharshi Sandipani) का लगभग पांच हजार सात सौ से ज्यादा साल पुराना आश्रम है और धार्मिक ग्रंथ इस बात की गवाही देते हैं कि इस आश्रम में भगवान कृष्ण अपने मामा कंस का वध करने के बाद शिक्षा अर्जित करने आए थे.

यहां उनके साथ भगवान बलराम और सुदामा ने भी शिक्षा प्राप्त की थी. जन्माष्टमी के मौके पर उज्जैन ही नहीं आसपास के इलाकों से हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं और विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है. इस आश्रम में भगवान कृष्ण की एक प्रतिमा है जिसमें वह बैठे हुए बाल रूप में नजर आते हैं. उनके हाथ में एक स्लेट और कलम भी है. जन्माष्टमी के मौके पर यहां विशेष आयोजन हो रहा है, भगवान कृष्ण का पंचामृत अभिषेक किया गया, उसके बाद महाआरती हुई और विविध आयोजनों का दौर चल रहा है.

धार्मिक ग्रंथो में इस बात का उल्लेख है कि भगवान श्री कृष्ण की आयु जब 11 साल सात दिन की थी, तब उन्होंने अपने मामा कंस का वध कर दिया था और उसके बाद अवंतिका नगरी जिसे वर्तमान में उज्जैन कहते हैं, वहां आ गए. यहां पर वे 64 दिन रहे और शिक्षा प्राप्त की. इस आश्रम में जन्माष्टमी पर जहां लोग भगवान की पूजा अर्चना करने आते हैं, वहीं गुरु पूर्णिमा के मौके पर भी बड़ी संख्या में लोग अपने बच्चों को लेकर आते हैं और पहली बार यहीं पर लेखन करते हैं.

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