न्यायपालिका पर हमें लेक्चर न दे दुनिया: उपराष्ट्रपति धनखड़

नई दिल्ली (New Delhi)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने भारत (India) की न्यायिक प्रणाली पर टिप्पणी (Comment on the judicial system) करने वालों की आलोचना की है। दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी पर अमेरिका और जर्मनी की टिप्पणी के संदर्भ में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारत में मजबूत न्यायिक प्रणाली है, लेकिन कुछ लोग हमें न्यायपालिका पर लेक्चर देने की कोशिश कर रहे हैं।

दिल्ली में गुरुवार को बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले का जिक्र किए बिना उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका निष्पक्ष, स्वतंत्र और तत्पर है। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे लोग हैं जो हमारे न्यायिक व्यवहार पर हमें लेक्चर देना चाहते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर भी कहानी बनाने की कोशिश की जा रही है। धनखड़ ने कहा, जमीनी हकीकत से अनजान देश भारत जैसे संप्रभु देश को पाठ पढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि यह भेदभावपूर्ण है। हम उनकी अज्ञानता का खंडन करते हैं। उन्होंने कहा, सीएए भारत के पड़ोस में धार्मिक आधार पर सताए गए लोगों को राहत देने के लिए है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि किसी को भी नागरिकता से वंचित नहीं किया जा रहा है।

राष्ट्रवाद के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता की अपील
साथ ही उपराष्ट्रपति धनखड़ ने लोगों से राष्ट्रवाद के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता रखने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत दूसरों के धर्मग्रंथ पर चलने वाला देश नहीं है। उन्होंने युवाओं से सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर ऐसी चीजों के खिलाफ बोलने की अपील की। उन्होंने युवाओं उन देशों को सीख देने का आह्वान किया, जो भारत को अपनी अज्ञानता से लेक्चर देने की कोशिश कर रहे हैं।

गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका ने भारत के न्यायिक प्रणाली पर टिप्पणी की थी। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा था कि हम केजरीवाल के मामले में निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया को प्रोत्साहित करते हैं। इसके बाद भारत ने दिल्ली में अमेरिकी मिशन के एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया था और केजरीवाल की गिरफ्तारी पर वॉशिंगटन की टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था। जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी पर संज्ञान लिया था। इससे पहले कुछ पश्चिमी देशों ने सीएए कानून पर सवाल उठाए हैं।

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