MP में भर्तियों में केवल घोटाले ही घोटाले है : पटवारी भर्ती पर प्रियंका गांधी का निशाना

भोपाल। मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईसीबी) में पटवारी भर्ती परीक्षा (patwari recruitment exam) के परिणाम पर विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस (Congress) ने परिणाम में धांधली का आरोप लगाया है। इसको लेकर अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (National General Secretary Priyanka Gandhi) ने भी प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार (BJP government) पर निशाना साधा है। वहीं, भाजपा सरकार ने परीक्षा में धांधली के आरोपों को झूठा बताया है।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम को लेकर भाजपा सरकार को घेरते हुए लिखा कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के शासन में एक बार फिर भर्ती में घोटाले की खबरें आ रही हैं। नौकरियों के लिए पदों की लाखों रुपए में बोली लगाए जाने की खबरें हैं और सरकार जांच कराने से क्यों कतरा रही है? भर्ती घोटालों से जुड़े होने के आरोप में भाजपा नेताओं का नाम ही क्यों सामने आता है? नौकरी के लिए भर्तियों में केवल घोटाले ही घोटाले हैं। भाजपा सरकार लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में क्यों डाल रही है ?

बता इससे पहले ऑल इडिया नेशनल कांग्रेस के सोशल मीडिया से भी ट्वीट किया गया कि मध्य प्रदेश में फिर महाघोटाला। आगे लिखा कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने पटवारी भर्ती के लिए परीक्षा करवाई थी। नतीजे आए तो एक ही परीक्षा केंद्र के 114 उम्मीदवारों का चयन हो गया है। जिसमें सात उम्मीदवार टॉप-10 शामिल रही है। यह विवादित परीक्षा केंद्र भाजपा विधायक सजीव सिंह कुशवाहा का है। पटवारी परीक्षा में हुई इस धांधली ने मध्य प्रदेश में व्यापम महाघोटाले की यादें ताजा कर दी है।

बता दें पटवारी परीक्षा की धांधली को लेकर इंदौर, भोपाल समेत अन्य जिलों में अभ्यार्थी जांच कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें 15 मार्च से 26 अप्रैल के बीच ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) सहायक संपपरीक्षक, सहायक जनसंपर्क अधिकारी, सहायक नगर निवेशक, सहायक राजस्व अधिकारी, सहायक अग्नि शमन अधिकारी की सीधी एवं बैकलॉग भर्ती तथा पटवारी भर्ती परीक्षा आयोजित हुई। यह परीक्षा प्रदेश के 13 शहरों में ऑनलाइन हुई। इसमें 12.79 लाख अभ्यर्थी ने आवेदन किए, जिसमें से 9.78 परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा का रिजल्ट 30 जून को जारी किया गया। वहीं, टॉप-10 उम्मीदवारों की सूची 10 जुलाई को जारी की गई। जिसके बाद विवाद शुरू हुआ।

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